छात्रों को अपडेट रखने के लिए डीयू की ओर से लगातार प्रयास किए जाते आए हैं. अब दिल्ली यूनिवर्सिटी का फैकल्टी ऑफ लॉ अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने की प्रक्रिया में है. जिससे आगामी शैक्षणिक सत्र में लागू हुए तीन नए दंड विधियों को शामिल किया जा सके. 1 जुलाई से प्रभावी हुए भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 पर पाठ्यक्रमों को इनके स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पाठ्यक्रमों से बदला जाएगा.


विधि संकाय की पाठ्यक्रम समिति ने पिछले माह नए प्रोग्राम का मसौदा तैयार किया था. जो जून में स्टैंडिंग अफेयर्स कमेटी ने अप्रूव किया था. सिलेबस में बदलाव करने का प्रस्ताव 12 जुलाई को होने वाली आगामी शैक्षणिक परिषद की बैठक के एजेंडे में रखा गया है. नया सत्र अगस्त में शुरू होने जा रहा है.


क्या बोलीं डीन


फैकल्टी ऑफ लॉ की डीन प्रोफेसर अंजू वली टिकू का कहना है कि अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो हम इसे नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ पढ़ाना शुरू कर देंगे.  उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं शुरू हो चुकी हैं और शिक्षक बदलावों को शामिल करने के लिए तैयार हैं.  डीन ने बताया कि नए सिलेबस का ज्यादातर मटेरियल वही रहता है, मगर छात्रों और शिक्षकों को नए सेक्शनों को याद रखना होगा.


स्पेशल क्लास की जरूरत


सिलेबस कमेटी के सदस्य रहे विधि संकाय के सहायक प्रोफेसर मेघ राज का कहना है कि हालांकि बदलाव के दौरान कुछ भ्रम हो सकता है, लेकिन पाठ्यक्रम को समय पर अपडेट करना एक सकारात्मक कदम है. प्रो. राज ने कहा कि ऐसे छात्रों के लिए स्पेशल क्लास की व्यवस्था करनी होगी, जिन्होंने पहले से ही पुराने कानूनों का अध्ययन कर लिया है, क्योंकि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए आवेदन करते समय या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नए कानूनों को जानने की जरूरत रहेगी.


कब से शुरू होगा नया सत्र


बताते चलें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में नया एकेडमिक सेशन आगामी एक अगस्त से शुरू हो रहा है. डीयू की ओर से एकेडमिक कैलेंडर भी आधिकारिक साइट पर जारी कर दिया है.


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