दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से चुनाव को लेकर कार्यकारी समिति (ईसी) के साथ बैठक आयोजित की गई. बैठक में उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए तीन साल की छूट देने का फैसला हुआ. ये छूट केवल एक ही बार दी जाएगी. डीयू की तरफ से कहा गया है कि छात्र संगठनों की मांग पर ही यह छूट प्रदान की गई है. इस साल ग्रेजुएट अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 22 से बढ़ाकर 25 साल की गई है. जबकि पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए उम्र 25 से बढ़ाकर 28 साल की गई है. उम्मीदवार ध्यान रखें कि ये छूट केवल एक बार ही मिलेगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने चुनाव की नामांकन से लेकर उसे वापस लेने तक सभी तारीखें जारी की हैं. अधिसूचना के जारी होते ही विभिन्न संगठन अलर्ट हो गए हैं. छात्र संगठनों ने रूपरेखा बनाना शुरू कर दिया है. एबीवीपी ने चुनाव समिति भी बना दी है.
पंजीकरण शुल्क में छूट
दिल्ली विश्वविद्यालय की ईसी की बैठक 11 अगस्त को आयोजित हुई थी. इस दौरान अकादमिक परिषद पर भी सिफारिशों पर विचार हुआ. जिसमें अंडर ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क- 2022 के तहत, अलग-अलग विभागों और कॉलेजों के लिए चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर के सिलेबस को भी स्वीकृति दी गई. वहीं, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पांच साल के इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम के एससी-एसटी और पीडब्ल्यूबीडी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावित पंजीकरण शुल्क को 1200 रुपये से घटाकर 1000 कर दिया गया है.
वहीं, कुलपति ने बताया है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए यूनिवर्सिटी ने वित्तीय सहायता योजना के तहत फीस में 90 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान रखा है. उन्होंने कहा कि जिन छात्र-छात्राओं के माता-पिता की आय चार लाख व उससे कम है. ऐसे छात्रों को फीस में 90 फीसदी छूट मिलेगी. इसके अलावा जिन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की उम्र चार से आठ लाख तक है, उन्हें फीस में 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी.
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