कोरोना महामारी और ट्रैवल प्रतिबंधों के बावजूद आधिकारिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारतीय छात्र इस साल यूके की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिखा रहे हैं.पिछले सप्ताह जारी यूके होम ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च 2021 तक भारतीय नागरिकों को ग्रांट स्टडी वीजा की संख्या में 6,391 की वृद्धि हुई है जो पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है.
स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय लौटने की उम्मीद
स्टूडेंट्स को इस बात की आशा है कि लॉकडाउन में ढील होते ही वे विश्वविद्यालय लौट सकेंगे और अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. ब्रिटेन के 146 यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन यूयूकेआई की निदेशक वी स्टर्न ने कहा कि यूके के कोरोना से उबरने की दिशा में ये एक बड़ी उपलब्धि है कि छात्र लौट पाएंगे. वहीं उन्होंने भारतीय स्टूडेंट्स का यूनिवर्सिटी में स्टडी के लिए आवेदन करने को अच्छा संकेत भी बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सदस्यों और छात्रों को धन्यवाद करती हैं जिन्होने विपदा के समय में धैर्य और अविश्वसनीय कार्य किया. यूनिवर्सिटी ने भी अपने स्टूडेंट्स के हित का पूरा ध्यान रखा. यूयूकेआई ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी के दौर में ऑनलाइन लर्निंग के द्वारा विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रखी और उनके स्वास्थ्य सुरक्षा और हित के ध्यान में रखा.
ब्रिटेन में इंडियन स्टूडेट्स की संख्या में हुआ है इजाफा
वहीं ब्रिटिश काउंसिल इंडिया की डायरेक्टर बारबरा विखम ने ये भी कहा कि पिछले कुछ सालों में ब्रिटेन में हायर एजुकेशन हासिल करने वाले इंडियन स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है और अब यूनिवर्सिटी इंडियन स्टूडेंट्स की वापसी का इंतजार कर रही है. इधर जब भारतीय स्टूडेंट्स लौटने की इच्छा दिखा रहे हैं तो उन्हें यूनिवर्सिटी से कॉन्टेक्ट कर ट्रैवल नियमों के मुताबिक यात्रा करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. बता दें कि वर्तमान नियमों के अनुसार स्टूडेंट्स वैलिड स्टडी वीजा के साथ यूके आ सकते हैं लेकिन रेड लिस्ट के अनुसार जरूरी नियमों का पालन करना होगा.
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