IIM रोहतक के डायरेक्टर को मिला 3.2 करोड़ रुपये का वेरिएबल पे, अब सरकार ने किया ये काम
आईआईएम रोहतक के निदेशक को दी गई 3.2 करोड़ की परिवर्तनीय वेतन राशि पर सरकार ने आपत्ति जताई है. आईएडब्ल्यू ने भुगतान की प्रक्रिया को गलत बताया है.
केंद्र सरकार ने IIM रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा को दी गई वेरिएबल पे को लेकर आपत्ति जताई है. शिक्षा मंत्रालय ने इस भुगतान की जांच के लिए आंतरिक ऑडिट विंग (IAW) को नियुक्त किया था, जिसने पाया कि शर्मा को 2018-19, 2019-20, और 2020-21 के लिए 3.2 करोड़ रुपये की वेरिएबल पे दी गई थी, जो उनकी फिक्स सैलरी का 200% से अधिक है.
IAW ने रिपोर्ट में कहा कि संस्थान ने जिस तरीके से वेरिएबल पे दिया है, वह तरीका गलत है और दी गई राशि शर्मा के मुख्य वेतन से बहुत ज्यादा है, जो आर्थिक रूप से समझदारी नहीं है. मंत्रालय ने IIM रोहतक से इस भुगतान के हिसाब की प्रक्रिया पर जानकारी मांगी है. साथ ही ये निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें और अधिक भुगतान की वसूली की योजना बनाएं.
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने IIM रोहतक को अप्रैल में एक पत्र भेजा था जिसमें निदेशक के वेरिएबल पे को लेकर आपत्ति जताई गई थी. IIM रोहतक ने मंत्रालय को जवाब में कहा है कि यह भुगतान बोर्ड की तरफ से अप्रूव था. हालांकि IAW ने यह भी बताया कि यह भुगतान तब किया गया जब IIM एक्ट और नियमों के तहत संस्थान के नियम लागू नहीं हुए थे. मंत्रालय ने पिछले महीने फिर से IIM रोहतक को पत्र भेजा है और IAW की रिपोर्ट पर कई सवालों का जवाब मांगा है.
नहीं हुआ उल्लंघन
IIM रोहतक के बोर्ड ने 2018-19, 2019-20, और 2020-21 के लिए निदेशक के वेरिएबल पे को सभी बोर्ड सदस्य की पूरी सहमति से अप्रूव किया था. संस्थान की तरफ से द इंडियन एक्सप्रेस को बताया गया कि इस पेमेंट की जानकारी मंत्रालय को लगभग डेढ़ साल पहले ईमेल के माध्यम से भेजी जा चुकी थी. उनके अनुसार कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
क्यों की जा रही है जांच?
बता दें कि यह जांच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से 6 अक्टूबर 2023 को सरकार को भेजी गई शिकायतों पर आधारित है. इन शिकायतों में IIM रोहतक के निदेशक की वेरिएबल पे, फैकल्टी को मोबाइल फोन देने में गड़बड़ी और फाइनेंसियल गड़बड़ियों का आरोप है. रिपोर्ट्स के अनुसार धीरज शर्मा पहले से ही अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सरकार की निगाह में हैं. रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में निदेशक का पद हासिल करने के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था.
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