Anisthesia Assistant / Technician course 2020: आज के वर्तमान समय में भी एनेस्थीसिया शब्द से बहुत कम लोग ही अच्छी तरह से परिचित होंगे. परन्तु एनेस्थीसिया शब्द से सम्बंधित जानकारी उसको ज्यादा होगी जिसका किसी भी प्रकार की सर्जरी अथवा ऑपरेशन हुआ है. यहाँ पर एक प्रश्न हमारे भीतर उठता है कि किसी व्यक्ति को ऑपरेशन के पहले बेहोश क्यों किया जाता है .?
जी हाँ. सबसे पहले आपको यह बता दें कि ऑपरेशन करने से पहले मरीज या रोगी को इसलिए बेहोश किया जाता है जिससे कि ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द से मरीज को कष्ट न हो और इस मरीज के इस कष्ट से ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को कोई असुविधा हो.
पिछले समय में ऑपरेशन करने वाले व्यक्ति या मरीज का पूरा शरीर सुन्न (बेहोश) किया जाता था परन्तु वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में भी उच्च तकनीकी के आ जाने से अब सम्बंधित मरीज के केवल उसी भाग को सुन्न किया जाता है. जिस भाग में ऑपरेशन किया जाता है.
आपको यह भी बता दें कि बेहोश या सुन्न करने का कार्य ‘एनेस्थीसिया’ तथा बेहोश या सुन्न करने वाले व्यक्ति या डॉक्टर को ‘एनेस्थेटिक’ कहा जाता है. यही एनेस्थेटिक यह तय करता है कि जिस मरीज का ऑपरेशन होना है उस मरीज को कितनी मात्रा में एनेस्थीसिया की डोज दी जाय.
एनेस्थीसिया का कोर्स + न्यूनतम योग्यता:
एनेस्थीसिया का यह कोर्स एक दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है. ऐसे छात्र जो बायोलॉजी विषय के साथ कम से कम 50% अंकों से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुका हो इस कोर्स हेतु आवेदन कर सकते हैं. केवल मेरिट के आधार पर भी अधिकांश संस्थानों द्वारा इस कोर्स में प्रवेश दिया जाता है. इसलिए वे छात्र जो चिकित्सा के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं वे इस कोर्स के द्वारा अपना भविष्य बना सकते हैं.
एनेस्थीसिया का कोर्स करने वाले प्रमुख संस्थान:
- उत्तर प्रदेश में -अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ तथा इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ.
- राजस्थान में –यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जयपुर. तथा
- महाराष्ट्र में –कोहिनूर कॉलेज ऑफ़ पैरा मेडिकल साइंसेज, मुम्बई.
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