UP Board half yearly Exam 2020: सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों में छमाही परीक्षाएं हो गई है. स्टूडेंट्स को रिजल्ट भी दे दिए गए हैं. ये परीक्षायें और रिजल्ट का डिस्ट्रीब्यूशन दोनों ऑनलाइन हुआ है. इन बोर्ड के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई. वहीँ यूपी बोर्ड में छमाही परीक्षा को लेकर अभी भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. ये स्कूल ऑनलाइन परीक्षा करवाने में अपने आपको सक्षम नहीं मान रहें हैं औरऑफलाइन परीक्षा करवाने के लिए अभी स्टूडेंट्स को बुलाया नहीं जा सकता है. इसलिए इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को अभी शासन की गाइड लाइन का इंतजार है.


प्रधानाचार्यों के मुताबिक़ दो प्रकार की समस्याएं है. पहली समस्या यह कि भले ही स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करा रहें हैं. लेकिन काफी संख्या में बच्चे ऐसे हैं जहां तक यह नहीं पहुँच पा रही है. हालांकि इस पर कोई बोल नहीं रहा है. ऐसे में सीबीएसई और आईसीएसई से इन बच्चों की तुलना करना उचित नहीं है. अर्थात सीबीएसई और आईसीएसई की तरह इन बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा करवा पाना मुश्किल है. क्योंकि जिन बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई कराने के संसाधन नहीं हैं उनसे ऑनलाइन की परीक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है.




दूसरी बात यह कि कक्षा 9वीं से12वीं तक के ही बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है. उनकी भी उपस्थित का आलम यह है कि वे स्टूडेंट्स भी प्रारंभ में 20 फीसदी तक ही आ रहे थे. बाद में धीरे –धीरे इनकी संख्या बढ़कर 38 फीसदी तक पहुंची. उसके बाद यह उम्मीद की जाने लगी कि दशहरे की छुट्टी के बाद इनकी संख्या बढ़ेगी परन्तु  इनकी संख्या में कोई वृद्धि नही हुई.


शासन की ओर से जो मानक तय किये गए हैं उसके मुताबिक़ केवल 50 फीसदी स्टूडेंट्स को ही स्कूल बुलाया जा सकता है. इसके अलावा कक्षा 6, 7 और 8वें के स्टूडेंट्स को स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है. इस लिए सभी स्टूडेंट्स को एक साथ स्कूल कैसे बुलाया जा सकता है. इस पर शासन की गाइड लाइन नहीं है.




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