हर साल 14 अप्रैल को भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पर ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में 'अंबेडकर समानता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. डॉ भीमराव आम्बेडकर यानी डॉ बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन 14 अप्रैल को 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था.


डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में सम्मानित किया गया, क्योंकि उनकी अध्यक्षता में ही संविधान सभा ने दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार किया था. अंबेडकर जयंती को मनाने के पीछे का कारण जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में न्यायविद के समर्पण को याद करना है. डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने एक ऐसे भारत की कल्पना की जहां सभी नागरिकों को कानून के तहत समान माना जाए और उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अभियान भी चलाया था.







जानिए कुछ ऐसे डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर के विचारों के बारे में जिन्हें आप अपनी जिंदगी में अमल करके जीवन को बेहतर बना सकते है.



  • समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.

  • जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है.

  • शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो.

  • धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए.

  • एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है.

  • वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते है.


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