(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ये थे देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे नेता, कोई नहीं तोड़ पाया डिग्रियों का रिकॉर्ड
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ. श्रीकांत जिचकर का नाम दर्ज है, उन्हें भारत के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में चुना गया है. डॉ. श्रीकांत जिचकर के पास कुल 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं.
भारत जैसे देश में लोगों की पढ़ाई लिखाई और उनकी डिग्री से उन्हें जज किया जाता है. हालांकि, जब हम अपने नेताओं को चुनते हैं तो यह बातें भूल जाते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि भारत में चुनाव लड़ने वाले ज्यादातर नेता बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, कुछ की स्थिति तो इतनी दयनीय है कि उन्हें सही से हिंदी और अंग्रेजी भी पढ़ना नहीं आता. लेकिन इसके बावजूद भी वह देश में बड़े पदों पर आसीन हैं. हालांकि, आज हम अनपढ़ नेताओं की नहीं... बल्कि देश के एक ऐसे पढ़े-लिखे नेता की बात कर रहे हैं, जिनके पास इतनी डिग्रियां थीं कि उन्हें एक टेबल पर रखना भी मुश्किल हो जाए. अगर आप सोच रहे हैं कि ये नेता बाबा साहेब डॉ.क्टर भीमराव अंबेडकर थे, तो आप गलत हैं... इनका नाम डॉ. श्रीकांत जिचकर था. इनके पास 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं.
कौन थे डॉ. श्रीकांत जिचकर
डॉ. श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को नागपुर में हुआ था. 1973 से 1990 के बीच डॉ. श्रीकांत ने 42 विश्वविद्यालयों के परीक्षा दिए. इनमें से 20 में उन्होंने सफलता हासिल की. ज्यादातर परीक्षाओं में वह फर्स्ट डिवीजन पास हुए, जबकि कई में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला. यहां तक कि डॉ. श्रीकांत जिचकर ने देश की सबसे कठिन परीक्षा आईपीएस का एग्जाम भी पास किया था. हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक इस नौकरी में नहीं रहे और उन्होंने इससे अपना त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद उन्होंने आईएएस का एग्जाम पास किया और उस नौकरी में भी उन्होंने 4 महीने बाद ही रिजाइन दे दिया और फिर राजनीति में आ गए.
सबसे शिक्षित भारतीय का मिला है अवार्ड
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ. श्रीकांत जिचकर का नाम दर्ज है, उन्हें भारत के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में चुना गया है. डॉ. श्रीकांत जिचकर के पास कुल 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं. इनमें पॉलिटिक्स, थिएटर और जर्नलिज्म में वह रिसर्च भी कर चुके हैं. उन्होंने कई विषयों में मास्टर्स की डिग्री ली है, जबकि पत्रकारिता के साथ एमबीए और बिजनेस स्टडीज में उन्होंने डिप्लोमा भी किया था. डॉ. श्रीकांत जिचकर एमबीबीएस और एमडी भी पास कर चुके थे. उन्होंने इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया था और D.Litt की परीक्षा भी पास की थी.
डॉ. श्रीकांत जिचकर कब बने नेता
साल 1980 में उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत कर 26 साल की उम्र में देश के सबसे युवा विधायक बने. राजनीति में उनकी पकड़ इतनी ज्यादा अच्छी थी कि उन्हें एक ताकतवर मंत्रालय मिला. उन्हें एक दो नहीं बल्कि 14 विभाग सौंपे गए. यहां तक की साल 1986 से 1992 तक वह महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे और इसके बाद 1992 से 1998 तक राज्यसभा के सांसद रहे. हालांकि, 2 जून 2004 को श्रीकांत जिचकर का नागपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. लेकिन मृत्यु के बाद भी इस नेता ने भारतीय राजनीति में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है और आज तक ऐसा कोई नेता नहीं बना... जिसके पास डॉ.क्टर श्रीकांत जिचकर से ज्यादा डिग्रियां हों.
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