संघर्ष से भरी है ड्राइवर के इस बेटे की कहानी, अब आईआईएम-अहमदाबाद में मिलेगा दाखिला
कुछ बड़ा करने की सोच और उसे पूरे करने की जिद हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. यह साबित किया है इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) अहमदाबाद में चयनित होने वाले एक ड्राइवर के बेटे हितेश ने.
अहमदाबाद: कुछ बड़ा करने की सोच और उसे पूरे करने की जिद हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. इसे सिद्ध किया है 22 साल के हितेश सिंह ने. हितेश का चयन देश के सबसे बेहतरीन मैनेजमेंट संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) अहमदाबाद में हुआ है.
हितेश ने यह सफलता संघर्षों की तमाम लड़ाई को जीतते हुए प्राप्त की है. उसके के पिता गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर की गाड़ी चलाते हैं जो कि कभी-कभी आईआईएम-अहमदाबाद में पढ़ाने भी जाया करते हैं. अपने बॉस को वहां पढ़ाते और आईआईएम के बारे में सुनकर हितेश के पिता का ये सपना था कि उनका बेटा भी यहां पहुंचे.
हितेश का चयन आईआईएम- अहमदाबाद के फूड और एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स में हुआ है. हितेश के पिता मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. ये लोग अभी गुजरात के आनंद में रहते हैं. हितेश पढ़ाई में बचपन से ही होनहार हैं और उन्होंन गुजराती माध्यम के स्कूल में पढ़ाई की है. हितेश को 12वीं कक्षा के एग्जाम में फिजिक्स, कमेस्ट्री और मैथ्स में 97 परसेंटाइल मार्क्स आया था.
हितेश को कैट में 96.12 परसेंटाइल स्कोर मिला है. अब उसे आईआईएम-अहमदाबाद में पढ़ाई के लिए 23 लाख रुपए का लोन लेना होगा. हितेश ने बीटेक में आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में टॉप किया था.
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