DU Admissions 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रवेश प्रक्रिया के लिए सार्वजनिक वेबिनार की सीरीज आयोजित की जा रही है. इस वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को स्नातक एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन, उनके कॉलेज और वरीयताओं को लिस्टेड करने की प्रक्रिया के बारे में बताना है. पिछले सप्ताह श्रृंखला का चौथा दिन एससी, एसटी, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण नीतियों पर बात की गई और छात्रों को उसके बारे में बताया गया. 


इस वेबिनार का नाम ‘आरक्षण नीतियां और संबंधित पहलू’ रखा गया है. सीयूईटी के तहत होने वाले आरक्षित सीटों के एडमिशन के लिए जो भी पॉलिसी है, इस पर चर्चा की गई. सभी पॉलिसी को बताया जाएगा, जिससे स्टूडेंट्स को किसी तरह की कोई दिक्कत न आए.


डिप्टी रजिस्ट्रार रोहन राय और डीन (प्रवेश) हनीत गांधी ने आरक्षित सीटों के प्रवेश के संबंध में छात्रों को बताया कि यह आपको जानना चाहिए कि डीयू में आरक्षण मानदंड भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित प्रावधानों पर आधारित दिया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा लागू नीतियों का पालन किया जाता है. एससी उम्मीदवारों के लिए 15%, एसटी उम्मीदवारों के लिए 7.5%, ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 27% और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए 10% आरक्षण है. उम्मीदवारों के पास वैध दस्तवेज होंगे उसके बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. 


जानें क्या है जरूरी दस्तावेज 


आरक्षण का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है. पंजीकरण और प्रवेश के समय उम्मीदवार के पास अपने नाम पर जाति / जनजाति का प्रमाण पत्र होना चाहिए. सभी श्रेणियों के लिए निर्धारित प्रमाण पत्र प्रारूप का पालन किया जाना चाहिए.अगर आपके पास दस्तावेज रहेगा तो आपको सरकार द्वारा आरक्षण जैसी सुविधा प्राप्त हो सकती है. पहले जो लोग अपना प्रमाण पत्र बनाते थे उन्हें सरकारी कार्यालय में जाकर अपना प्रमाण पत्र बनाना पड़ता था. लेकिन अब सभी राज्य सरकारों ने ये सुविधा ऑनलाइन जारी कर दी है . 


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