कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुई है. इस दौरान मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा ज्यादा जरूरत पड़ी. वहीं ऑक्सीजन न मिलने पर कई मरीजों ने दम भी तोड़ दिया. ऐसे में कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने कहा है कि वह अपने नॉर्थ और साउथ कैंपस में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेगा, साथ ही कॉलेजों, छात्रावासों और डिपार्टमेंट्स को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर औऑक्सीमीटर भी दिए जाएंगे.
डीन बलराम पाणि ने बताई योजना
अपनी योजनाओं को साझा करते हुए, कॉलेजों के डीन बलराम पाणि ने कहा, “जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज और हंसराज कॉलेज ने कोविड केयर फैसिलिटी (प्रत्येक में 100 बिस्तर) स्थापित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की पेशकश की है. हम 200 और बेड्स के लिए कैंप्स के एक हॉस्टल की भी पेशकश करेंगे.
इन सुविधाओं के लिए बेड, मेडिकल इक्यूपमेंट्स, बेड तक इन-सीटू छोटे स्केल पर ऑक्सीजन प्लांस के माध्यम से सीधे पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई, निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर, दवाएं, भोजन की सुविधा, और सबसे जरूरी डॉक्टरों और नर्सों के लिए वेतन की आवश्यकता होगी.
पीएसए तकनीक वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे
उन्होंने कहा कि हम एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेंगे जो पीएसए तकनीक का उपयोग करके मेडिकल सिलेंडर (लगभग 50-80 प्रति दिन) भर सकता है, जिसकी लागत कम होगी और जो कैंपस सेटिंग में सुरक्षित है. साथ ही इसके लिए सरकार से मिनिमम क्लियरेंस और अप्रूवल की आवश्यकता होगी. हमने वेंडर्स के साथ बातचीत की है और quotes लिए हैं. हम जरूरत पड़ने पर इन ऑक्सीजन सिलेंडर को डीयू के हर सदस्य और पड़ोस के लोगों को भी मुहैया कराएंगे. इस कदम से दिल्ली के अन्य विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को भी मदद मिलेगी."
पहले नॉर्थ और साउथ कैंपस में लगाए जाएंगे प्लांट
वहीं डीयू के एक अधिकारी ने कहा कि शुरू में प्लांट नॉर्थ और साउथ कैंपस में लगाए जा रहे हैं. बाद में ईस्ट कैंपस में भी शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कॉलेज, विभाग, छात्रावास सहित सभी इकाइयों को ऑक्सीजन कंसंटेटर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे.
डीयू की प्रत्येक यूनिट के लिए दो कंसंट्रेटर की जरूरत
डीन बलराम पाणि ने कहा कि संक्रमण के गंभीर मामलों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है, मध्यम मामलों के लिए, विशेष रूप से घरों और छात्रावासों में, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सप्लाई आगे के संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से रोकने का एक निश्चित तरीका है. विश्वविद्यालय में हमारे 120 प्रतिष्ठान हैं जिनमें कॉलेज, छात्रावास और दो परिसर (आवासीय और विभाग) शामिल हैं. प्रत्येक इकाई के लिए औसतन दो कंसंट्रेटर के साथ, हमें लगभग 240 कंसंट्रेटर की आवश्यकता है जो 10 लीटर प्रति मिनट के प्रवाह पर ऑक्सीजन प्रदान करती हो. इसके अलावा, छात्रावासों और आवासों में बड़ी संख्या में छात्रों के लिए, लगभग 500 पल्स ऑक्सीमीटर और लगभग 100 थर्मल स्कैनर होंगे. ”
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