Eklavya School: हमारे देश में तमाम स्कूल हैं लेकिन एकलव्य स्कूलों को लोग कुछ खास नजरिए से देखते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ये स्कूल क्यों खास माने जाते हैं और इन स्कूलों में अभिभावक कैसे अपने बच्चे का दाखिला करा सकते हैं.
इस वजह से खास हैं ये स्कूल
एकलव्य स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित होते हैं. इन स्कूलों में छात्रों को आवास, भोजन, और पाठ्य पुस्तकें मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही साथ इन स्कूलों में छात्रों के लिए खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और कैरियर मार्गदर्शन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. एकलव्य स्कूलों से पढ़ चुके बच्चे आज देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हैं.
ये स्कूल आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन स्कूलों में विद्यार्थियों को उनके आने वाले भविष्य को लेकर भी मार्गदर्शित किया जाता है. एकलव्य स्कूलों में छात्रों के लिए कैरियर मार्गदर्शन का भी आयोजन होता है. जिससे विद्यार्थियों को अपने भविष्य के बारे में सही निर्णय लेने में काफी मदद भी मिलती है.
ऐसे मिलता है दाखिला
एकलव्य स्कूल में बच्चे का दाखिला दो चरणों में होता है. पहले चरण की बात करें तो इसमें छात्रों को लिखित परीक्षा में भाग लेना होता है. इस परीक्षा में विद्यार्थियों से सामान्य ज्ञान, गणित, विज्ञान, और हिंदी के सवाल पूछे जाते हैं. परीक्षा का माध्यम हिंदी या फिर अंग्रेजी रहता है. लिखित परीक्षा में जो छात्र पास हो जाते हैं उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. इंटरव्यू में छात्रों की जनरल नॉलेज, इंटेलिजेंस चेक की जाती है.
कब भरे जाते हैं फॉर्म
इन स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रोसेस हर साल अक्टूबर-नवंबर में शुरू कर दी जाती है। इसके आवेदन पत्र राज्य सरकार की वेबसाइट पर मौजूद होते हैं. वहीं, आवेदन पत्र भरने की आखिरी तारीख दिसंबर-जनवरी में होती है. हालांकि अगले सत्र के फॉर्म भरे जाने के लिए अभी तारीखों का एलान नहीं हुआ है.
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