प्रदेश के 2294 राजकीय हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कालेजों में कंप्यूटर शिक्षक ही नहीं हैं. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017-18 में पहली बार एलटी ग्रेड में कंप्यूटर शिक्षकों के 1673 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी. इस भर्ती प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 29 जुलाई 2018 को इन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा करवाई तथा परिणाम भी घोषित किया. इस परीक्षा में मात्र 36 उम्मीदवार ही पात्र मिलें. इसके बावजूद इन शिक्षकों की तैनाती भी नहीं की गई.
यही नहीं प्रदेश के लगभग 4200 माध्यमिक विद्दयालयों का हाल भी ऐसा ही है. प्रदेश के कुछ स्कूलों ने वित्तविहीन अनुभाग के नाम पर कंप्यूटर पढ़ाने के लिए शिक्षक रखें हैं परन्तु अधिकाँश विद्दयालयों में कंप्यूटर शिक्षक नहीं है. यही नहीं करीब 20 हजार प्राइवेट स्कूलों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. कुछ चुनिंदा स्कूलों को छोड़ दिया जाय तो बाकी स्कूलों में न तो कंप्यूटर है और न ही कंप्यूटर शिक्षक. और यही नहीं इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की आर्थिक और सामजिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे हाईटेक पढ़ाई करने में सक्षम हों.
यदि हम शैक्षिक सत्र 2019 -20 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में नामांकन करवाए स्टूडेंट्स पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि इस सत्र में हाईस्कूल के करीब 30 लाख स्टूडेंट्स में लगभग 65 हजार स्टूडेंट्स ने कंप्यूटर विषय लिया था. यही हाल इंटर का भी है. इंटरमीडिएट के करीब 26 लाख स्टूडेंट्स में से 18 हजार के करीब बच्चों ने कंप्यूटर विषय लिया था.
इन आंकड़ो से यह स्पष्ट है कि प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा की क्या हालात होंगें. ऐसी दशा में राज्य में ऑनलाइन शिक्षा से कितने छात्र-छात्रों का हित होगा निश्चित तौर पर विचारणीय है.
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