B. Tech in Hindi and English: क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा को बढ़ावा लगातर शिक्षा मंत्रालय की ओर से दिया जा रहा है. इसी को देखते हुए कई संस्थानो क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाना भी शुरू कर दिया है. अब छात्र बीटेक की पढ़ाई भी रीजनल लैंग्वेज में कर सकेंगे. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जोधपुर हिंदी में बीटेक की पढ़ाई हिंदी में कराना शुरू कर रहा है. शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.


इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जोधपुर इस अकादमिक सेशन से अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी पढ़ाई कराएगा. इस संस्थान में दाखिला जेईई एडवांस में मिले नंबरों के आधार पर मिलता है. हालांकि ये सेशन शुरू होने से पूर्व ही आईआईआटी जोधपुर भाषा के आधार पर दो सेक्शन बनाएगा. साथ ही शिक्षा में निरंतरता और कठोरता बनाए रखने के लिए एक ही शिक्षक दोनों सेक्शन में पढ़ाया करेंगे.


छात्र आईआईटी जोधपुर में सेक्शन के बीच स्विच कर सकते हैं और एक ही मूल्यांकन का सामना करेंगे. वे अपनी रुचि के अनुसार भाषा चुन सकते हैं, जबकि आईआईटी जोधपुर शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं में समान कठोरता बनाए रखेगा. बड़े पैमाने पर गैर-अंग्रेजी छात्रों के लिए भाषा बाधा के कारण, एआईसीटीई ने 2021 में 11 क्षेत्रीय भाषाओं में बीटेक पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी, जो दोनों भाषा वर्गों के लिए समान कठिनाई सुनिश्चित करने के लिए एक द्विभाषी दृष्टिकोण की सिफारिश की.






हिंदी में हो रही एमबीबीएस की पढ़ाई


बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी होगी. मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होती रही है. यह निर्णय छात्रों को उनकी पसंद की भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए लिया गया है.


क्या बोले छात्र


वहीं, छात्र-छात्राओं का कहना है कि रीजनल लैंग्वेज में पॉइंट्स ठीक तरह से समझ आते हैं. अगर क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई होगी तो हमें सारे पॉइंटस अधिक आसानी से समझ आएंगे. रीजनल लैंग्वेज में पढ़ाई का फैसला बेहद अच्छा है. इससे स्टूडेंट्स का काफी फायदा होगा.


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