राजस्थान के कोटा जिले को JEE और NEET की तैयारी का हब माना जाता है. यहां हर साल 2.5 लाख से अधिक छात्र विभिन्न राज्यों से आकर मेडिकल और इंजीनियरिंग एट्रेंस की तैयारी करते हैं. मगर क्या आपको पता है इनमें से कितने यहां से एंट्रेंस पास करके जाते हैं. आलम ये है कि हर साल दर्जनों बच्चे यहां पास ना हो पाने के कारण सुसाइड कर रहे हैं. हाल ही में 24 घंटे में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. वहीं अगस्त 2023 में तो 22 छात्रों ने एक ही महीने में आत्महत्या कर ली थी.  


2.5 लाख से अधिक छात्र आते हैं कोटा पढ़ने


अगर कोटा के कारोबार की बात की जाए तो कोटा में करीब 12 बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग एट्रेंस की तैयारी करवाते है. इसके साथ ही 55 छोटे इंस्टीट्यूट भी है जिसमें छात्र पढ़ाई कर रहे है. हर साल एक छात्र पर रहने और खाने का खर्च का अनुमानित लागत 2 लाख से 2.50 लाख होती है. कोटा में 2 लाख से अधिक छात्र दूसरे राज्यों से आते है और हर साल ढाई लाख से अधिक स्टूडेंट्स अपने सपनो को लेकर कोटा आते है. एक अनुमान ये भी कहता है कि भारत में 23 आईआईटी में 17740 सीट है. 32 एनआईटी है जिसमें 23954 सीट है. लेकिन इसकी तैयारी और परिक्षा देने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.


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आईआईटी में 17,740 सीटें, 10 लाख से अधिक छात्र देते हैं जेईई


मैथ विषय से 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर छात्र आईआईटी में एडमिशन का सपना देखते हैं. जेईई एडवांस्ड में रिजल्ट जारी होने के बाद जोसा काउंसलिंग के जरिए ही स्टूडेंट्स को आईआईटी में सीट अलॉट की जाती है. 2024 में जोसा सीट मैट्रिक्स में आईआईटी की सीटें बढ़ाई गई हैं. बता दें कि देश में कुल 23 आईआईटी हैं. पिछले साल इन 23 आईआईटीज में सीटों की संख्या 17,385 थी.  इस साल से आईआईटी में 355 सीटें बढ़ाई गई हैं. इस हिसाब से 2024 में कुल 17,740 सीटों पर एडमिशन मिला है.


आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई परीक्षा पास करना जरूरी है. जेईई मेन 2024 के अप्रैल सत्र में 11,79,569 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. वहीं, इस सत्र में 10,67,959 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे. जेईई मेन 2024 के दोनों सत्रों (जनवरी-अप्रैल) में कुल 22 लाख से ज़्यादा छात्र शामिल हुए थे. वहीं, जेईई एडवांस्ड परीक्षा में हर साल 2.5 लाख से ज़्यादा छात्र शामिल होते हैं. जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड पास करने के बाद, छात्रों को जोसा काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है.


हर साल 25 लाख छात्र देते हैं नीट परीक्षा


भारत में स्नातक स्तर पर एमबीबीएस सहित अन्य यूजी कोर्सेस में प्रवेश पाने के लिए नीट परीक्षा अनिवार्य है. एम्स को छोड़कर शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में हर साल करीब 25 लाख छात्र शामिल होते हैं. साल 2024 में नीट परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या 23,33,297 थी. इनमें से 13,16,268 छात्र पास हुए थे. 


नीट परीक्षा में पास होने के बाद, मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए कॉलेज कटऑफ भी देखा जाता है.  नीट 2024 के अनुसार, भारत में मेडिकल सीटों की संख्या ऐसी थी. एमबीबीएस में 91,927 सीटें, बीडीएस में 26,949 सीटें, मेडिकल में 52,720 सीटें और वेटनरी में 603 सीटें हैं. मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, 2024 में 272 सरकारी एमबीबीएस कॉलेजों में नीट के जरिए 41,388 मेडिकल सीटें थीं. वहीं, 532 सरकारी और निजी कॉलेजों में नीट के जरिए 76,928 सीटें थीं.


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