12वीं के बाद विदेश में करना चाहते हैं पढ़ाई... तो सबसे पहले यह परीक्षा पास करनी होगी
Study Abroad: विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो पहले ये एग्जाम पास करना होगा. लैंग्वेज प्रोफिशियेंसी टेस्ट देकर ही पहले चरण की बाधा पार की जा सकती है. जानिए और कौन से एग्जाम पास करना है जरूरी.
अगर आप भी उन छात्रों में से हैं जो 12वीं के बाद किसी न किसी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए विदेश का रुख करना चाहते हैं तो पहले आपको ये एग्जाम पास करना होगा. विदेशी धरती पर एडमिशन पाने के लिए यूं तो नियम यूनिवर्सिटी, कंट्री और कोर्स के मुताबिक होते हैं जिनके डिटेल आप एडमिशन से पहले प्राप्त कर लें. लेकिन कुछ लैंग्वेज और स्टैंडर्ड टेस्ट होते हैं जिन्हें पास किए बिना आपका ये सपना पूरा नहीं हो सकता. अधिकतर कोर्सेस में लैंग्वेज टेस्ट पास करने के बाद ही एडमिशन पाया जा सकता है. जबकि कुछ के लिए लैंग्वेज के साथ ही स्टैंडर्ड टेस्ट देने होते हैं. लैंग्वेज टेस्ट पास करना जिससे ये पता चले कि आपको भाषा की अच्छी जानकारी है, कंपलसरी है.
इनमें से कोई परीक्षा देनी होती है
लैंग्वेज एग्जाम देकर आपको अपनी भाषा की पकड़ का परिचय देना होता है. कोर्स कोई भी हो यूजी, पीजी या सर्टिफिकेट, डिप्लोमा. विदेशी धरती पर कदम रखने के लिए आपक इनमें से एक न एक लैंग्वेज टेस्ट पास करना होगा.
आईईएलटीएस (IELTS) – यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी कंट्रीज में पढ़ने के लिए आपको ये परीक्ष पास करनी होती है. इस परीक्षा का स्कोर दो साल तक वैलिड रहता है.
टॉफेल – (TOEFL) – इस परीक्षा का स्कोर अधिकतर यूएस और कनाडा की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए प्रिफर किया जाता है. यूक के कई कॉलेज ये स्कोर नहीं स्वीकरते. ये भी दो साल तक वैलिड रहता है.
पीटीई (PTE) – पीटीई का स्कोर यूएस के कुछ कॉलेज और यूके के अधिकतर कॉलेजेस मं प्रिफर किया जाता है. ब्रिटिश यूनिवर्सिटी द्वारा सीएई और सीपीई को वरीयता दी जाती है. ये स्कोर भी दो साल तक मान्य रहता है.
ये हैं कुछ स्टैंडर्ड टेस्ट
ये कुछ स्टैंडर्ड टेस्ट हैं जिन्हें कोर्स के मुताबिक कैंडिडेट्स को पास करना होता है. हालांकि अलग-अलग देशों की अलग-अलग यूनिवर्सिटी और कोर्सेस में एडमिशन के लिए प्रोसिजर फर्क हो सकता है. उसके डिटेल आपको कोर्स विशेष के लिए वेबसाइट पर जाकर पता करने पड़ेंगे.
यूजी कोर्स के लिए सैट या एक्ट (SAT, ACT) परीक्षा पास करनी होती है. एमबीए के लिए जीमैट या जीआरई (GMAT, GRE) एग्जाम पास करना होता है. एमएस के लिए जीआरई, मेडिकल के लिए एमकैट और लॉ के लिए एलसैट (LSAT) जैसे एग्जाम देने पड़ते हैं.
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