Career Guidance: 12वीं के बाद फैशन डिजाइनिंग है शानदार करियर ऑप्शन, जानें कहां से करें कोर्स और क्या है करियर स्कोप
Career in Fashion Designing: फैशन डिजाइनिंग ने एकेडमिक क्षेत्र में भी जगह बना ली है. आज UG और PG लेवल पर कई फैशन डिजाइन कोर्स हैं जो स्टूडेंट्स को फैशन फैशन की दुनिया के हिसाब से ग्रूम करते हैं.
Career in Fashion Designing: पिछले कुछ सालों से फैशन डिजाइन एक जरूरत बन गया है. यह हमारे दिमाग पर इस कदर हावी हो गया है कि आज हम जो कुछ भी खरीदते हैं या पहनते हैं वह निश्चित रूप से एक फैशन स्टेटमेंट बनाना चाहिए. जैसे-जैसे फैशन इंडस्ट्री डेवलप हो रही है और इस फील्ड से जुडे कोर्स भी सामने आ रहे हैं और फैशन डिजाइनिंग ने एकेडमिक क्षेत्र में भी जगह बना ली है. आज यूजी और पीजी लेवल पर कई फैशन डिजाइन कोर्स हैं. ये कोर्स स्टूडेंट्स को फैशन फैशन की दुनिया के हिसाब से ग्रूम करते हैं. छात्रों को फैशन डिजाइनिंग, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, फैशन मैनेजमेंट और ऐसी ही अन्य चीजों के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलता है
फैशन डिजाइनिंग (UG-PG) के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
फैशन डिजाइन कॉलेजों और संस्थानों ने कुछ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निर्धारित किए हैं, जिन्हें छात्रों को फैशन डिजाइन कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन करने के लिए पूरा करना अनिवार्य है.
UG कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
- यूजी लेवल पर फैशन डिजाइनिंग कोर्सेज में एडमिशन पाने के इच्छुक छात्रों को भारत में किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंको के साथ पास करनी चाहिए.
- फैशन डिजाइनिंग कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को NID, DAT, UCEED और NIFT जैसी एंट्रेंस एग्जामिनेशन को भी क्वालीफाई करना पड़ता है.
PG कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
- फैशन डिजाइनिंग में पीजी कोर्सेज के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को भारत में किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज / विश्वविद्यालय से संबंधित क्षेत्र में बैचलर प्रोग्राम कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना चाहिए.
- उम्मीदवारों को IIAD, CEED, NID DAT और कई अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना पड़ सकता है.
डिप्लोमा कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी
डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए, छात्रों को भारत में किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 40 - 50 प्रतिशत के साथ 10 + 2 लेवल पूरा करना होगा.
फैशन डिजाइनिंग में कोर्स
फैशन डिजाइनिंग में बैचलर ऑफ फैशन डिजाइनिंग, बीएससी इन फैशन डिजाइनिंग, बैचलर ऑफ फैशन कम्युनिकेशन, डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स किए जा सकते है. अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स में अलग-अलग कोर्स कराए जाते हैं जिनकी ड्यूरेशन भी अलग-अलग होती है. ये कोर्स 1 से 4 साल की अवधि के हो सकते हैं.
यहा से करें फैशन डिजाइनिंग का कोर्स
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID)
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT
- पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन (PAF
- सिम्बोयसिस सेंटर ऑफ डिजाइन (SID)
- नॉर्दन इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIIFT)
- एसएनडीटी प्रेमलीला विठ्ठलदास पॉलिटेक्निक
भारत और विदेश में फैशन डिजाइनिंग का स्कोप और सैलरी
फैशन इंडस्ट्री और इससे जुड़े बिजनेस हर दिन बढ़ रहे हैं. इसकी बढ़ती संभावनाओं ने शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर फैशन से संबंधित कोर्सेज की हाई डिमांड डेवलप की है. इसके साथ अंतरराष्ट्रीय और साथ ही घरेलू फैशन व्यवसायों में भी वृद्धि हुई है जिसने फैशन डिजाइन उम्मीदवारों के लिए करियर ऑप्शन भी खोले हैं. जो छात्र अच्छे इंस्टीट्यूट से फैशन डिजाइन में अपने कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू फैशन ब्रांडों और कंपनियों, पत्रिकाओं, बड़े लेबल रिक्रूट करते हैं. वहीं कुछ छात्र फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद अपना खुद का फैशन बिजनेस भी शुरू कर देते हैं. फैशन डिजाइनर बनने के बाद आप महीने के 50 से 60 हजार रुपये तक कमा सकते हैं.
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