आईआईटी मद्रास में शुरू होगा ललित कला और सांस्कृतिक उत्कृष्टा कोटा, ये काम है जरूरी
IIT Madras: आईआईटी मद्रास शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्नातक पाठ्यक्रमों में ललित कला और सांस्कृतिक उत्कृष्टता के लिए कोटा लागू करेगा.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए अब ललित कला और सांस्क़ृतिक उत्कृष्टता कोटा शुरू होगा. आईआईटी स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन में ललित कला और सांस्कृतिक उत्कृष्टता (Fine Art and Cultural Excellence) में कोटा देने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है. यह कोटा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा.
एडमिशन में सांस्कृतिक कोटा देने वाला पहला आईआईटी
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने बताया कि Fine Art and Culture Excellence कोटे के तहत संस्थान के सभी बीटेक और बीएससी पाठ्यक्रमों में दो-दो सीटें आवंटित की जाएंगी. इनमें एक सीट महिलाओं के लिए रिजर्व होगी. इस कोटे के तहत एडमिशन के लिए IIT Madras / FACE Admission Portal (आईआईटी मद्रास/एफएसीई प्रवेश पोर्टल) के माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं.
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यहां ध्यान रखना है कि एफएसीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण पोर्टल के जरिये नहीं, बल्कि आईआईटी के बनाए गये अलग पोर्टल पर होगी. आईआईटी स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन में ललित कला और सांस्कृतिक उत्कृष्टता (Fine Art and Culture Excellence) में कोटा देने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है.
यह है अनिवार्यता
अभ्यर्थी का जेईई (एडवांस्ड)-2025 उत्तीर्ण करना और कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) या श्रेणी-वार रैंक सूची में स्थान हासिल करना अनिवार्य है. आईआईटी मद्रास अपने प्रत्येक स्नातक कार्यक्रम में FACE प्रवेश के माध्यम से सीटें प्रदान करेगा.
भारतीय नागरिकों और भारत के विदेशी नागरिकों/भारतीय मूल के व्यक्तियों (OCI/PIO) उम्मीदवारों के लिए प्रति कार्यक्रम दो अतिरिक्त सीटों के लिए वहीं आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने जेईई (एडवांस्ड)-2025 उत्तीर्ण किया हो और कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) या श्रेणी-वार रैंक सूची में स्थान हासिल किया हो.
FACE प्रवेश के लिए यह पात्रता जरूरी है. उन्होंने बताया कि हर अभ्यर्थी को उसकी श्रेणी के अनुसार ललित कला और सांस्कृतिक में उसकी उत्कृष्टता के आधार पर अंक मिलेंगे. विभिन्न ललित कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन या उन्हें प्राप्त पुरस्कारों या छात्रवृत्तियों के आधार पर उन्हें मिले कुल अंक के आधार पर एफएसीई रैंक सूची (एफआरएल) तैयार की जाएगी.
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