Gender Champions Guidelines: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने सभी विश्वविद्यालयों और मान्यता प्राप्त कॉलेजों से कहा है कि वह उन छात्रों में से 'जेंडर चैम्पियंस' का जल्द नामांकन सुनिश्चित करें जो परिसर को अधिक समावेशी बनाने व लैंगिक संवेदनशीलता का प्रसार करने के प्रयासों का नेतृत्व कर सकें. देश में हायर एजुकेशन को लेकर शीर्ष नियामक संस्था ने संस्थानों से अनुपालन की जानकारियां ऑनलाइन भरने के लिए भी कहा है.
लड़कियों से किया जाए सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जैन (Rajnish Jain, Secretary, University Grants Commission) ने कुलपतियों व कॉलेजों के प्राध्यापकों को लिखे एक पत्र में कहा है कि बराबरी के व्यवहार को बढ़ावा देने वाला माहौल पैदा करने के लिए सरकार देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में जिम्मेदार नेताओं के तौर पर जेंडर चैम्पियंस की परिकल्पना करती है. श्री जैन ने कहा कि जेंडर चैम्पियंस शैक्षणिक संस्थानों में पंजीकृत 16 साल की उम्र से अधिक के लड़के और लड़कियां दोनों हो सकते हैं. वह अपने स्कूलों, कॉलेजों तथा अकादमिक संस्थानों के अंदर इस तरह का माहौल बनाएंगे, जहां लड़कियों से सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाए.
तत्काल लागू करने के निर्देश
पत्र में रजनीश जैन ने आगे कहा कि छात्रों के हित में अपने विश्वविद्यालय और मान्यता प्राप्त कॉलेजों में 'शिक्षण संस्थानों में जेंडर चैम्पियंस के लिए दिशा निर्देशों' को तत्काल लागू कर दें. जिससे दीर्घकालीन सतत परिवर्तन को हासिल किया जा सके. यूजीसी द्वारा वर्ष 2015 में पहली बार यह दिशा-निर्देश जारी किए गए थे.
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