दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के ड्रॉ में चुने गए हर बच्चे को एडमिशन मिले. बता दें कि कुछ स्कूलों के जनरल सीटें भर जाने का दावा करते हुए ड्रा में चुने गए बच्चों को एडमिशन देने से इंकार किया था.


एजुकेशन डिपॉर्टमेंट के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा, ''हमने सभी निजी स्कूलों को एक नया आदेश जारी कर साफ कर दिया कि शिक्षा के अधिकार के तहत अनिवार्य किए गए ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत जिन बच्चों का नाम आया है, उन सभी को एडमिशन दिया जाए.''


उन्होंने कहा, ''सीएम के पास कई रिपोर्ट आई हैं जिनमें स्कूलों के बच्चों को ईडब्ल्यूएस के तहत एडमिशन देने से इनकार करने की जानकारी दी गई है. स्कूलों ने दावा किया कि जनरल सीटें भर गयीं और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए एक भी सीट नहीं बची.''


पिछले साल भी ऐसा ही मुद्दा सरकार के सामने आया था. लेकिन एजुकेशन डिपॉर्टमेंट की गई छापेमारी में पता चला कि कुछ स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस के तहत छात्रों को एडमिशन ना देने के लिए दाखिले से जुड़ी जानकारियों को लेकर झूठ बोला है. नियमों के तहत सभी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह (डीजी) के लिए सभी स्कूलों में कुल 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित होनी चाहिए.


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