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GUESSS Report: भारतीय छात्रों में बढ़ी एंटरप्रेन्योर बनने की इच्छा, 32.5% फीसदी पहले से ही है उद्यमी, पढ़ें रिपोर्ट
दुनियाभर में 30 फीसदी छात्र ग्रेजुएट होने के पांच साल बाद एंटरप्रेन्योरशिप को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं जबकि भारत के 31.4% युवा पांच साल बाद एंटरप्रेन्योर बनने की सोचते हैं.
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भारतीय छात्रों में बढ़ी एंटरप्रेन्योर बनने की इच्छा
Source : ABPLIVE AI
GUESSS Report: हाल ही में GUESSS ग्लोबल रिसर्च प्रोजेक्ट और आईआईटी मंडी ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट को पेश किया है, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार,32.5% भारतीय कॉलेज छात्र पहले से ही उद्यमिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं. यह आंकड़ा वैश्विक औसत 25.7% से कहीं अधिक है, जो भारत में उद्यमिता की बढ़ती गति को दर्शाता है.
वहीं, 14% भारतीय छात्र ग्रेजुएशन के बाद एंटरप्रेन्योर बनने की इच्छा जताते हैं, जो वैश्विक औसत 15.7% के करीब है. इसके अलावा, 31.4% छात्र ग्रेजुएट होने के पांच साल बाद एंटरप्रेन्योरशिप को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं, जो वैश्विक औसत 30% से थोड़ा अधिक है. आइए डिटेल में जानते हैं क्या कहती हैं ये रिपोर्ट…
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पेश करती है छात्रों का रुझान
यह रिपोर्ट भारतीय छात्रों की एंटरप्रेन्योरशिप आकांक्षाओं और करियर में बदलाव की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है. इस अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर और GUESSS इंडिया के कंट्री डेलीगेट डॉ. पूरन सिंह ने किया है. सर्वेक्षण के सह-लेखक आईआईटी मंडी के डॉक्टरेट उम्मीदवार धर्मेंद्र के. यादव हैं.
GUESSS इंडिया के डॉ. पूरन सिंह ने कहते हैं कि हम पहले से ही दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं. युवाओं की एंटरप्रेन्योरशिप की क्षमता का दोहन देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा. इस रिपोर्ट के माध्यम से हमें भारत के छात्रों की एंटरप्रेन्योर बनने की मानसिकता का सटीक डाटा प्राप्त हुआ है, जो भविष्य की नीतियों और निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण होगा.
बदल रही है करियर डिमांड
रिपोर्ट के अनुसार, 69.7% छात्र ग्रेजुएट होने के बाद रोजगार की तलाश करते हैं. यह आंकड़ा पांच वर्षों में घटकर 52.2% रह जाता है. इस अवधि के दौरान 31% छात्र उद्यमी बनने की इच्छा रखते हैं, जबकि ग्रेजुएट होने पर यह आंकड़ा 14% था.
एंटरप्रेन्योर बनने की है ललक
भारतीय छात्र वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक एंटरप्रेन्योरशिप की मंशा प्रदर्शित करते हैं, जिनका सात के पैमाने पर औसत स्कोर 4.6 है, जो वैश्विक औसत 3.7 से काफी अधिक है. 38% छात्र कंपनी बनाने में शामिल हैं, जिनमें से 33% अभी शुरुआती चरण में हैं, जो वैश्विक समकक्षों में सबसे अधिक है. हालांकि, केवल 4.8% ही रेव्न्यू जनरेशन तक पहुंच पाए हैं, जो विकास की संभावना को दर्शाता है.
यूनिवर्सिटीज भी कर रही हैं सपोर्ट
वर्तमान में 63% छात्र एंटरप्रेन्योर्स यूनिवर्सिटी से सहायता प्राप्त करते हैं और 26% स्टूडेंट कंपनीज इनक्यूबेट किए जाते हैं. भारतीय यूनिवर्सिटीज सकारात्मक एंटरप्रेन्योरशिव एन्वॉयरमेंट बनाने में अग्रणी हैं, जिन्हें 7 में से 4.7 रेटिंग दी गई है. यह वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्टार्टअप ईकोसिस्टम्स में सबसे अधिक है.
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