कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार हरियाणा सरकार 8वीं तक के स्टूडेंट्स को किताबें-कॉपियां नहीं देगी बल्कि पुस्तकें खरीदने के लिए धनराशि सीधे छात्रों के एकाउंट में भेजी जाएगी. इस संबध में ज्यादा जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि 8वीं तक के स्टूडेंट्स को पुस्तक खरीदने के लिए पैसे सीधे उनके खाते में भेजे जाएंगे.
हर छात्र के खाते में 200 से 300 रुपये डाले जाएंगे
गुर्जर ने कहा कि हमने ये फैसला लिया है कि सीनियर बच्चों की किताबें लेकर जूनियर क्लास के छात्रों को दी जाएगी. इसके साथ ही पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पुस्तक खरीदने के लिए सीधे पैसे उनके खाते में भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि हर छात्र के अकाउंट में 200 से 300 रुपये डाले जाने का विचार किया जा रहा है. इसके योजना के लिए लगभग 17 लाख बच्चों के लिए अनुमानित बजट 40 करोड़ रखा गया है.
दसवीं के छात्रों को नहीं मिलेगा वजीफा
वहीं इस बार दसवीं पास कर चुके छात्रों को वजीफा नहीं दिया जाएगा. गौरतलब है कि 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स को इस बार बिना परीक्षा के ही अगली क्लास में प्रमोट किया गया है. वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो छात्र अपने 10वीं के परिणाम से संतुष्ट नहीं है उन्हें हालात सामान्य होने पर परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
हालात पूरी तरह सामान्य होने पर ही खुलेंगे स्कूल
वहीं स्कूल खोलने को लेकर गुर्जर ने कहा कि इस बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. हालात अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं. कोरोना संक्रमण के मामले जब एकदम कम हो जाएंगे उसी स्थिति में स्कूल खोलने पर विचार किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं. सरकार फॉर्म-6 को लेकर नया फॉर्मूला लाने जा रही है. इसके मुताबिक प्राइवेट शुल्क निश्चित सीमा से ज्यादा फीस नहीं वसूल सकेंगे.
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