हरियाणा में कल से खुल रहे हैं स्कूल, जानें कैसे मिलेगी एंट्री
हरियाणा में कल यानी 13 दिसंबर से 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं. स्कूल आने के पहले स्टूडेंट्स को कराना होगा टेस्ट तब मिलेगी एंट्री. जानें विस्तार से.
Haryana Schools To Reopen Tomorrow: हरियाणा राज्य के स्कूल कल यानी 13 दिसंबर से खोले जा रहे हैं. कोरोना के कारण इस बार विशेष तैयारी के बाद स्कूलों को खोलने की योजना है. इसके तहत स्कूल में प्रवेश करने से पहले कैंडिडेट्स को अपना मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा, जो यह प्रमाणित करेगा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कल से केवल क्लास दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूल खुलेंगे. जबकि क्लास 9वीं और 11वीं के लिए 21 दिसंबर 2020 से स्कूल खोले जाएंगे. अभी केवल क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए ही स्कूल खोले जा रहे हैं ताकि कोरोना से बचाव को लेकर हर सावधानी बरती जा सके. दरअसल पिछले महीने भी वहां स्कूल खोले गए थे लेकिन एक महीने के अंदर अलग-अलग स्कूलों के करीब 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स कोरोना इंफेक्टेड हो गए थे. स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद करने पड़े थे इसलिए इस बार ज्यादा तैयारी से स्कूल खुलेंगे.
मेडिकल सर्टिफिकेट न हो 72 घंटे से ज्यादा पुराना –
स्कूल में एंट्री के लिए जो मेडिकल सर्टिफिकेट स्टूडेंट्स को दिखाना होगा, उसके लिए जरूरी है कि वह 72 घंटे से ज्यादा पुराना न हो. अगर मेडिकल सर्टिफिकेट बहुत पुराना हुआ तो मान्य नहीं होगा. इस मेडिकल सर्टिफिकेट में मुख्यतः यह प्रमाणित किया गया हो कि कैंडिडेट मेडिकली फिट है और उसे कोरोना से संबंधित कोई भी लक्ष्ण नहीं है.
दरअसल स्कूल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के मद्देनजर खोले जा रहे हैं. इसके तहत दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूल सुबह दस बजे से खुलेगा और तीन घंटे क्लासेस चलेंगी. स्कूल रोज खोले जाएंगे. स्कूल में प्रवेश करते समय स्टूडेंट, टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ यहां तक कि वहां कदम रखने वाला हर शख्स पहले थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरेगा. इस दौरान अगर उसमें फीवर या अन्य कोई लक्षण दिखता है तो उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
गार्जियन की परमीशन भी है जरूरी –
मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ ही स्टूडेंट्स को अपने पैरेंट्स का कंसेंट लेटर भी साथ लाना होगा. अगर स्टूडेंट्स अपने गार्जियन का लिखित आज्ञा पत्र साथ नहीं लाएंगे तो उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इस लिखित पत्र में यह होना चाहिए कि पैरेंट्स अपनी मर्जी से बच्चे को स्कूल भेज रहे हैं और अगर उसे कोई भी समस्या होती है तो इसकी जिम्मेदारी स्कूल की नहीं होगी.
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