(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET की तैयारी कर रहे छात्रों के तनाव और प्रेशर को दूर करने के लिए यहां हैं कुछ Tips, जरूर करें फॉलो
NEET की तैयारी कर रहे छात्र अक्सर अपने परिणाम को लेकर तनावग्रस्त और चिंतित रहते हैं. ये उनकी ओवरऑल एफिशिएंसी को प्रभावित करता है.यहां जाने एग्जाम के डर को दूर करने और तनावमुक्त रहने के कुछ टिप्स
एग्जाम पूरी तरह से एक अलग माहौल बनाते हैं. परीक्षा कोई भी इसमें शामिल होने वाला हर छात्र काफी प्रेशर में रहता है. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट या NEET को जबरदस्त कंपटीशन होने की वजह से काफी कठिन परीक्षा माना जाता है. नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र अक्सर अपने परिणाम को लेकर तनावग्रस्त और चिंतित रहते हैं.
एनईईटी परीक्षा में तनाव से निपटने और कट-ऑफ अंक हासिल करने के लिए, कई छात्र स्टडी के लिए नाइट आउट्स की प्लानिंग करते हैं लेकिन ये उनकी ओवरऑल एफिशिएंसी को प्रभावित करती है. आज हम NEET एग्जाम की तैयारी रहे कैंडिडेट्स को एग्जाम के डर को दूर करने और तनावमुक्त रहने के कुछ टिप्स दे रहे हैं जो उनकी काफी मदद करेंगे.
जल्दी रिवीजन करना शुरू करें
अक्सर, छात्र लास्ट के समय को अपने रिवीजन के लिए निर्धारित करते हैं ऐसे में समय कम होने के कारण, वे कुछ विषयों को मिस कर जाते हैं यह छात्रों पर ज्यादा प्रेशर बनाता है. इसलिए, परीक्षा से 2-3 महीने पहले रिवीजन शेड्यूल करना हमेशा बेहतर होता है, और परीक्षा से पहले के कुछ समय को रिलैक्सेशन के लिए रखा जाना चाहिए.
लर्न-प्रैक्टिस-टेस्ट को फॉलो करें
नीट की तैयारी के लिए लर्न-प्रैक्टिस-टेस्ट सबसे अच्छा तरीका है. कई छात्र इनमें से किसी के स्टेप को छोड़ देते हैं और दबाव महसूस करते हैं. प्रैक्टिस करते समय स्पीड और एक्यूरेसी सबसे जरूरी फैक्टर है. इसलिए, हमेशा अपने लर्निंग प्रोसेस में स्पीड और एक्यूरेसी को कंसीडर करें.
अपना खुद का टाइम-टेबल बनाएं
हर व्यक्ति अलग तरह से सोचता है और अलग तरह से पढ़ता है. फिर कैसे एक कॉमन टाइमटेबल सभी को सूट कर सकता है? स्टैंडर्ड टाइमटेबल फॉलो करने की बजाय सिलेबस को एनलाइज करें, अपनी स्ट्रेंथ और कमजोरियों को जानें और उसी के अनुसार टाइमटेबल बनाएं.
सभी सब्जेक्ट्स पर फोकस करें
कई छात्र अक्सर केवल एक विषय पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करते हैं या एक के बाद एक सब्जेक्ट को रिवाइज करने के लिए शेड्यूल बनाते हैं. ऐसा करते समय अक्सर कुछ विषय लास्ट में छूट ही जाते हैं और आप उन्हें रिवाइज भी नहीं कर पाते हैं. इसलिए बैलेंस बनाने के लिए हर दिन सभी सब्जेक्ट्स को कुछ घंटे देने की सलाह दी जाती है.
छोटे नोट्स बनाएं और अपनी गलतियों को भी नोटडाउन करें
अपने क्लासरूम के नोट्स के साथ किसी चैपटर की स्टडी के दौरान जरूरी प्वाइंट्स वाले छोटे नोट्स बनाए जैसे फॉर्मूले, नेम, इवेंट्स, घटनआएं आदि. प्रैक्टिस और टेस्ट अटैम्पट करने के दौरान अपनी गलतियो को जर्नल में नोट डाउन करें. ये नोट्स टॉपिक रिवाइज करने में आपकी मदद करगें.
इनके अलावा अपनी बॉडी और माइंड को रिलैक्स रखने के लिए 6-7 घंटे की नींद जरूर लें. इसके साथ ही 1से 2 घंटे की स्टडी के दौरान 10 मिनट का ब्रेक जरूर लें. ब्रेक के दौरान अपनी बॉडी और हाथों को स्ट्रैच करें और पर्याप्त पानी भी इनटेक करें. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्ट्रैचिंग करने से बॉडी का सर्कुलेशन सही होता है.हमेशा याद रखें कि कोई भी व्यक्ति रातों-रात सफलता प्राप्त नहीं कर सकता, चाहे वह ज्यादा प्रेशर या टेंशन ही क्यों न ले ले. NEET परीक्षा में अच्छा स्कोर करने और बेस्ट मेडिकल इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए बहुत ज्यादा डेडिकेशन और कमिटमेंट की जरूरत होती है.
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