इस पाठ्यक्रम को ऐसे सुनियोजित तरीके से तैयार किया गया है कि जिससे पाठ्यक्रम अधिक बड़ा भी नहीं है और इसके द्वारा बच्चे व्हाट्सएप के माध्यम से गिनती सीखने, हिंदी वर्णमाला के स्वर और व्यंजनों की पहचान करने तथा ड्राइंग जैसी चीजें सीख रहे हैं. इस बारे में हिमाचल प्रदेश के समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि इन ऑनलाइन कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 70 शिक्षकों का एक ग्रुप बनाया गया है. यह ग्रुप स्कूलों के शिक्षकों के साथ भी सामंजस्य स्थापित कर रहा है. व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण स्कूल लेवल पर भी कर दिया गया है. स्कूलों के अध्यापक बच्चों के अभिभावकों के साथ बातचीत करके उन्हें इस प्रकार की व्यवस्था से अवगत भी करवा रहे हैं जिससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में कोई समस्या न उत्पन्न हो.
आपको यह भी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग ने करीब 03 वर्ष पूर्व अपने प्राइमरी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं की शुरुआत की थी. इसके लिए सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्री प्राइमरी के बच्चों को वे सारी सुविधाएँ मुहैया करवाई जो प्राइवेट स्कूल अपने बच्चों को मुहैया करवाते हैं. सरकार के इस कदम से सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का विश्वास बढ़ा जिसके परिणाम स्वरुप स्कूलों में छात्रों का नामांकन भी बढ़ गया. आज हिमाचल प्रदेश में करीब कुल 3740 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षायें संचालित की जा रही हैं. जिसमें करीब 47 हजार बच्चे नामांकन कराकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
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