नई दिल्ली: इरादे मजबूत हों तो सफलता कदम चूमती है. इस बात को हिमाचल की रहने वाली एक दिव्यांगा छात्रा ने सच साबित कर दिखाया है. हिमाचल प्रदेश की सबसे कठिन समझी जाने वाली परीक्षा में इस दिव्यांग युवती ने जज बनकर लोगों के सामने उदाहरण पेश किया है. राज्य की इस बेटी की सफलता पर हर कोई उन्हें बधाई दे रहे हैं.
लाखों लोगों के लिए मिशाल बनी हिमाचल की प्रियंका ठाकुर 54 प्रतिशत दिव्यांग हैं. लेकिन प्रियंका ने इसे कमजोरी नहीं बनने दिया. अपने लक्ष्य को लेकर प्रियंका निरंतर गंभीर बनी रहीं. हिमाचल प्रदेश यूनीवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की जिसमें वे प्रथम आईं, इसके बाद उन्होने पीएचडी में प्रवेश लिया. वे यूजीसी नेट की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं.
प्रियंका ने पीएचडी के दौरान ही प्रदेश की राज्य न्यायिक सेवा की परीक्षा में भाग लिया और सफलता पाकर इतिहास रच दिया. प्रियंका परीक्षा पास कर सब जज बन गई हैं. जल्द ही उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी. प्रियंका हिमाचल में कांगडा के इंदौरा गांव वडाला की रहने वाली हैं और उनके पिता सुरजीत सिंह रिटायर्ड इंस्पेक्टर हैं. उनकी माता सृष्टा देवी घरेलू गृहणी हैं. प्रियंका की इस सफलता पर पूरे गांव में खुशी का माहौल हैं.
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