How To Give Impressive Speech On Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मानाया जाता है. स्कूलों और कॉलेजों में खासतौर पर इस दिन को खास तरह से सेलिब्रेट किया जाता है. अलग-अलग जगहों पर कई छोटे-बड़े कार्यक्रम होते हैं और इस मौके पर स्पीच भी दी जाती है. अगर इस बार के हिंदी दिवस पर आपको स्पीच देनी है तो भाषण तैयार करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें. इससे आपकी स्पीच न केवल प्रभावशाली बनेगी बल्कि श्रोता आपको लंबे समय तक याद रखेंगे.


थोड़ा सा इतिहास


14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने आम जन की भाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया. दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे नंबर पर आती है. यूं तो हमारे देश में बहुत सी भाषाएं बोली, लिखी और पढ़ी जाती हैं पर सबसे ज्यादा हिंदी का इस्तेमाल होता है. 1949 में इसे सर्वोच्च भाषा का दर्जा मिला और तब से ये राजभाषा बन गई.


ये भी जान लें कि हिंदी राजभाषा है नाकि राष्ट्रभाषा. इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए 14 से 29 सितंबर के बीच हिंदी दिवस पखवाड़ा मनाया जाता है. इस मौके पर अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े आयोजन होते हैं.


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कैसे दें इम्प्रेसिव स्पीच


अच्छा भाषण देने के लिए कुछ चीजों पर ध्यान दे सकते हैं. जैसे कि शुरुआत किसी ऐसे कोट, फैक्ट या स्टेटमेंट से करें कि लोग शुरू से ही रुचि दिखाने लगें. इतिहास या महत्व जैसे विषयों पर लंबी बात न करें. ये लगभग सभी को पता होता है. इससे बहुत बेहतर तरीका होता है कि आप किस्से कहानियों की मदद से इस बारे में बात करें.


कोई स्टोरी शेयर करें


इस दिन से संबंधित अगर आपके पास कोई किस्सा या कहानी हो या किसी महापुरुष के जीवन से संबंधित कोई खास जानकारी हो तो उसे देते हुए बात आगे बढ़ाएं. बच्चे हों या बड़े जब आप किसी चीज के महत्व को समझाने के लिए सच्ची कहानियां साझा करते हैं तो उसका प्रभाव अलग ही पड़ता है.


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श्रोताओं को शामिल करें


आप अपनी बातचीत में श्रोताओं को भी शामिल कर सकते हैं. जब आप बीच-बीच में उनसे सवाल करते हैं जो एक तो वे इंगेज महसूस करते हैं दूसरा आपको भी पता चलता है कि वे रुचि ले रहे हैं या नहीं. लिखकर ले जाकर भाषण देने से कहीं बेहतर है कि आप बातचीत की तरह अपनी स्पीच दें. सामान्य हिंदी के शब्द इस्तेमाल करें ताकि श्रोता जुड़ाव महसूस कर सकें. याद रखें आपको वहां कठिन हिंदी बोलकर विषय पर अपनी पकड़ नहीं दिखानी है बल्कि श्रोता को जोड़ना है. हालांकि अगर आपकी स्पीच ऐसी जगह हो, जहां शुद्ध हिंदी के भारी शब्दों की जरूरत पड़े तो बेशक उसका इस्तेमाल करें.


बात खत्म ऐसे करें


किसी कोट के साथ शुरुआत, श्रोताओं को जोड़ने की कोशिश, रुचिकर कथाओं के साथ स्पीच को आगे बढ़ाना और सामने वाले को इसमें शामिल करने के बाद स्पीच को खत्म भी किसी प्वॉइंट पर करें. जैसे वहां बैठे लोग हिंदी का प्रचार-प्रसार करने के लिए किस तरह के कदम उठाएंगे. कम से कम एक बच्चे को हिंदी पढ़ाएंगे, स्कूलों में हिंदी को लेकर किस तरह के जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे, हिंदी बोलने में गर्व महसूस हो, ऐसी चीजें बच्चों को कैसे सिखाएंगे. ऐसी बात के साथ ही समापन करें. 


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