कैसे होती है एक IAS ऑफिसर की पोस्टिंग और ट्रांसफर, क्या नियम होते हैं लागू? जानिए
IAS Transfer & Posting: कैसे होती है एक आईएएस ऑफिसर की पोस्टिंग और ट्रांसफर? कौन से नियमों का रखा जाता है ध्यान और क्यों नहीं मिलता उन्हें होम टाउन? जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब.
IAS Officer Transfer Policy: देश की सबसे कठिनतम परीक्षओं में से एक यूपीएससी को पास करने वाले कैंडिडेट्स को आईएएस और आईपीएस जैसे पद मिलते हैं. यूं तो यूपीएससी सीएसई पास कैंडिडेट्स की नियुक्ति कई लेवल पर होती है लेकिन कैंडिडेट्स के बीच इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस यानी आईएएस पद का कुछ ज्यादा ही चाव देखा जाता है. ऐसे में कई बार कैंडिडेट्स के दिमाग में ये सवाल आता है कि इनकी पोस्टिंग और ट्रांसफर कैसे होता है. ट्रांसफर दिया ही क्यों जाता है और किन बातों का ध्यान रखा जाता है. जानते हैं.
कुछ-कुछ समय में हो जाता है ट्रांसफर
आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स का अधिकार क्षेत्र काफी बड़ा होता है. जहां इनकी पोस्टिंग होती है, वह एरिया पूर्णतः इनके कंट्रोल में आ जाता है. किसी खास एरिया में पावर का गलत इस्तेमाल न होने लगे इसलिये इन अधिकारियों का ट्रांसफर कुछ-कुछ समय में कर दिया जाता है. इसके अलावा भी कई कारण हैं जो ट्रांसफर का कारण बनते हैं या जिन के आधार पर अधिकारी अपने ट्रांसफर की रिक्वेस्ट कर सकते हैं.
शादी की स्थिति में हो सकता है तबादला
अगर दो अधिकारियों की शादी हुई हो तो सरकार एक अधिकारी का ट्रांसफर दूसरे कैडर में कर सकती है. ट्रांसफर या पोस्टिंग केंद्र सरकार राज्य सरकार से परामर्श लेकर करती है. पति का पत्नी के कैडर में या पत्नी का पति के कैडर में ट्रांसफर हो सकता है और अधिकारी इस बाबत सरकार से रिक्वेस्ट भी कर सकते हैं. अगर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता तो एक तरीका ये भी है कि पति-पत्नी दोनों को किसी तीसरे कैडर में साथ भेज दिया जाता है.
इस कंडीशन में भी मिलता है ट्रांसफर
'अत्यधिक कठिन परिस्थिति - एक्सट्रीम हार्डशिप' इंटर-कैडर ट्रांसफर की वजह बन सकता है. उदाहरण के लिए आवंटित राज्य की जलवायु या वातावरण के कारण अधिकारी या उसके परिवार के जीवन पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या का खतरा आने पर ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि ऐसे केसे में एजेंसी या विशेषज्ञों का पैनल पहले इस कंडीशन की जांच करते हैं.
अगर किसी प्रकार की जान का जोखिम अधिकारी या उसके परिवार को होता है या कोई हेल्थ प्रॉब्लम होती है तो भी ट्रांसफार किया जा सकता है. ऐसे में तीन साल के लिए नई जगह पर नियुक्ति मिलती है.
होमटाउन में नहीं मिलता ट्रांसफर
एक आईएएस अधिकारी को उसके होम टाउन में पोस्टिंग नहीं मिलती. ऐसा इसलिए ताकि वे अपने जानने वालों का फेवर न करने लगें और न ही पद का गलत इस्तेमाल अपने और अपने परिवार के फायदे के लिए करें. तबादलों का मुख्य उद्देश्य ये होता है कि एरिया की जरूरत के मुताबिक बेस्ट अधिकारी की पोस्टिंग की जाए ताकि वो उस क्षेत्र को पूरी ईमानदारी से चला सकें.
यह भी पढ़ें: कमजोर मेंटेलिटी और सुसाइड़ के बढ़ते केस की वजह से अब पढ़ाई में जुड़ेगा 'आत्महत्या रोकथाम सिलेबस'
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI