DGP का फुल ‘Director General Of Police‘ है, इसका हिंदी उच्चारण ‘डायरेक्टर  जनरल ऑफ़ पुलिस‘ होता है. वहींं, डीजीपी (DGP) को हिंदी भाषा में ‘पुलिस महानिदेशक भी कहा जाता है. यह भारत के किसी भी राज्य का सबसे बड़ा पुलिस विभाग का अधिकारी कहा जाता है, आईपीएस (IPS) की नियुक्ति सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर की जाती है. पुलिस विभाग में डीजीपी के पद पर नियुक्त किये जाने वाले व्यक्ति को राज्य में कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा प्रदान किया जाता है. एक डीजीपी (DGP) ही होता है, जो अपने अधिकारों का प्रयोग करके, अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखने का काम करता है. डीजीपी का यह पद  पुलिस विभाग का अंतिम पदों होता है और यह पद सबसे शीर्ष पद होते हैं. 


जानें डीजीपी पोस्ट तक कैसे पहुंचते हैं लोग 
इस पद को प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को सबसे पहले आईपीएस  का पद  प्राप्त करना होता है, इसके बाद इस पद को प्राप्त कर लेने वाले व्यक्ति उप पुलिस अधीक्षक (DSP) पर नियुक्त किया जाता है, फिर उसे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) पद पर कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, इसके बाद उस व्यक्ति को पुलिस अधीक्षक (SP) पद पर नियुक्त किया जाता है, फिर बाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) पर उसका चयन कर लिया जाता है.  इसके बाद उस व्यक्ति  को पुलिस महानिरीक्षक (DIGP) का पद पर नियुक्ति होती है. उसके बाद व्यक्ति को पुलिस महानिरीक्षक (IGP) का पद प्राप्त होता है इसके बाद उस व्यक्ति को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) का पद  की जिम्मेदारी सौंपी जाती है फिर अब अंत में उस व्यक्ति को पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद पर नियुक्त किया जाता है. 


आयु सीमा
डीजीपी (DGP) पद  पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु  21 वर्ष और अधिकतम आयु  32 वर्ष  होनी आवश्यक है. आरक्षित वर्ग को नियमानुसार अभ्यर्थियों को कुछ सालों की छूट प्रदान की जाती है.


डीजीपी की सैलरी 
सातवें वेतन आयोग के बाद से पुलिस महानिदेशक को 56,100 –  2,25,000 रुपये + ग्रेड पे प्रतिमाह तक वेतन प्रदान किया जाता है.


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