देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की आईएएस परीक्षा पास करने का ख्याल जब किसी कैंडिडेट के मन में आता है तो सबसे पहले सवाल उठता है कि किस प्रकार की तैयारियों की आवश्यकता उसे पड़ेगी. कहां से शुरू करें, स्टडी मैटीरियल कैसे मिलता है, सिलेबस कहां से देखें, कोचिंग कौन सी चुने आदि. और सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न दिमाग में आता है कि आईएएस बनने के लिये कितनी मेहनत करनी पड़ती है, कितने घंटे पढ़ना पड़ता है.


सच तो यह है कि ऐसी चीजों का कोई मानक नहीं होता. हर कैंडिडेट की क्षमता, कांस्ट्रेशन पावर और आईक्यू लेवल फर्क होता है. इसके बावजूद आईएएस परीक्षा पास करने के लिये कुछ प्वॉइंट्स हर किसी के लिये जरूरी होते हैं जैसे कड़ी मेहनत, अनुशासित जीवन, निरंतर प्रयास, धैर्य और कुछ कर दिखाने की लालसा. इन सब के बीच कैंडिडेट्स के मन में यह सवाल भी कौंधता है कि दिन में कितने घंटे पढ़ाई करना आईएएस बनने के लिये काफी होता है. जानते हैं इसका जवाब.


गिनती नहीं उत्पादकता है जरूरी –


सिविल सर्विसेज की तैयारी करते समय जरूरी यह होता है कि आप जितनी देर भी पढ़ रहे हैं, उसमें आपका मन कितना लगा. घड़ी की सुई में घंटे देखने से कोई लाभ नहीं होता. यहां आपको किसी और को नहीं दिखाना कि आप इतने घंटे से कमरे में बंद पढ़ रहे हैं बल्कि आपको खुद को बताना है कि कुल पढ़ाई के घंटों में आपकी उत्पादकता क्या रही. जितनी देर भी पढ़े कांस्ट्रेशन के साथ पढ़े या नहीं, जो पढ़ा वो समझ में आया कि नहीं. कुल मिलाकर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि क्वांटिटी नहीं बल्कि क्वालिटी महत्व रखती है. जितने भी घंटे पढ़ें दिल लगाकर पढ़ें. हालांकि जब बात आईएएस जैसा एग्जाम पास करने की हो तो दिन में 10 से 12 घंटे की पढ़ाई आवश्यक हो जाती है.


रोबोट न बन जायें –


जब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की चर्चा करो तो लोग यहां तक सलाह दे डालते हैं कि दैनिक क्रियाओं के अलावा बाकी बचा सारा समय यानी 14 से 16 घंटे पढ़ने पर ही सेलेक्शन हो पाता है. यह हमेशा सच नहीं होता. इतना लंबा बहुत दिनों तक नहीं पढ़ा जा सकता. आप कोई रोबोट नहीं जिसे केवल पढ़ने के लिये प्रोग्राम किया गया है.


आपको बीच-बीच में ब्रेक भी चाहिये, रिफ्रेशमेंट भी चाहिये और चाहिये समय अपनी रुचि के कार्य करने के लिये. जबरदस्ती घंटो स्टडी टेबल पर बैठे रहना कोई लाभ नहीं देता. न ही इतने घंटो तक पढ़ाई करने का शेड्यूल कोई लांग रन में फॉलो कर सकता है. गोल रियलिस्टिक बनायें.


अपने दिन को ऐसे विभाजित करें की समय की बर्बादी न हो पर इसका मतलब यह नहीं कि दिन भर में आपने अपने लिये बिलकुल भी वक्त नहीं निकाला. एक समय के बाद दिमाग काम करना बंद कर देता है, उसे भी ताजगी चाहिये होती है.


इसलिये डेढ़ से दो घंटे पढ़ने के बाद छोटे-छोटे ब्रेक लेना अच्छा रहता है. मुख्यता यह आपकी पर्सनल च्वॉइस है. अगर आपको ये छोटे ब्रेक ध्यान भटकाने का काम करते हैं तो अपने अनुसार चुनाव करिये. लेकिन दिन का कुछ समय अपनी रुचि के काम करने में जरूर लगाइये. याद रहे एक फ्रेश माइंड जितना जल्दी चीजों को समझेगा एक थका हुआ दिमाग कभी नहीं समझ सकता.


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