वाइन इंडस्ट्री लगातार बढ़ रही है। इस बात का अंदाजा एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है, जिसके अनुसार साल 2025 तक वाइन की कुल बिक्री 528 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है. बढ़ती इंडस्ट्री के साथ-साथ इसमें करियर की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं. ऐसे में, आज हम आपको इस फील्ड से जुड़े एक अहम करियर ऑप्शन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम है वाइन टेस्टर.

 

जैसा नाम, वैसा काम


 

जैसा कि नाम से पता चलता है, वाइन टेस्टर वह व्यक्ति होता है जो पब्लिक के लिए शराब उपलब्ध करने से पहले वाइन के स्वाद, बनावट और अन्य स्वाद तत्वों की जांच करें. वह परखें कि शराब में कहीं कोई मिलावट तो नहीं है. इसके मानकों से कहीं कोई खिलवाड़ तो नहीं किया गया है. वाइन टेस्टर की जांच पूरी होने के बाद ही आगे मार्केट के लिए उपलब्ध करवाई जाती है. इसलिए टेस्टर की जॉब बेहद जिम्मेदारी वाली होती है.

 


 


ऐसा होता है पाठ्यक्रम

इस क्षेत्र में मुख्यत: दो स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, इंटरमीडिएट और फाउंडेशन. वाइन और लिकर की बनावट संबंधी बारीकियां, उनका साहित्य, प्रकृति, प्रमुख क्षेत्र, बनाने की विधि, विविध स्तर, किस्म और क्रियात्मक रूप-रंग के बारे में इन कोर्सेस के तहत जानकारी दी जाती है.

 

ये शैक्षणिक योग्यता है जरूरी

 

भारत में वाइन टेस्टिंग से संबंधित कोर्स विभिन्न संस्थानों में चल रहे हैं. विदेशों में वाइन की अधिक खपत होने से वहां इस क्षेत्र में अपने देश के मुकाबले पाठ्यक्रमों की संख्या भी अधिक है. डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में इस क्षेत्र में कई कोर्स हैं, जिनमें दाखिला लिया जा सकता है. कोर्स की अवधि संस्थान पर निर्भर करती है. इसके अलावा दाखिले की योग्यता भी संस्थान और कोर्स की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. वैसे तो किसी भी संकाय के छात्र इन कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. होटल मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स करके भी वाइन टेस्टिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है.

 


 

व्यक्तिगत रूचि और स्किल्स

 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति को स्वाद और गंध की अच्छी समझ होनी चाहिए. इस फील्ड के इच्छुक कैंडिडेट्स को घूमना पसंद होना चाहिए, क्योंकि पेशे के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है. वाइन टेस्टर बनने वाले व्यक्ति का कम्युनिकेशन स्किल भी बेहतर होना चाहिए. इसके अलावा, अंग्रेजी भाषा में दक्षता होनी चाहिए.

 

यहां बना सकते हैं करियर, इतनी है सैलरी

 

होटल, रेस्टोरेंट, कैसिनो आदि में सोमेलियर को अवसर मिलते हैं. इसके अलावा लिकर फैक्टरी में उनकी जरूरत बनी रहती है. इस क्षेत्र से संबंधित मार्केटिंग और आयात-निर्यात कंपनियों में भी आप अपनी सेवाएं दे सकते हैं. अनुभव होने के बाद लिकर कंसल्टेंट के रूप में काम करने का विकल्प भी आपके पास होता है. यदि वाइन मेकिंग से संबंधित टीचिंग में आपकी दिलचस्पी है, तो अध्यापन की ओर भी कदम बढ़ाया जा सकता है. इस क्षेत्र में प्रारंभिक सैलरी लगभग 50,000 रुपये से शुरू होती है।

 

ये है प्रमुख इंस्टीट्यूट

1. इंडियन वाइन अकादमी, दिल्ली

2. मणिपाल विश्वविद्यालय, कर्नाटक

3. केबीआर स्कूल ऑफ वाइन, मुंबई

4. वाइन एकेडमी ऑफ इंडिया, चेन्नई

 


 

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