Students And Corona Stress: इस साल कोविड ने जिस तरह एजुकेशन सिस्टम को बदला है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. परीक्षाओं का टलना हो या आवेदन की तारीख का बार-बार आगे बढ़ना, एग्जाम कैंसिल होना हो या एडमिशन का तरीका बदलना, न जाने कितना कुछ है जो इस बार एजुकेशन के हर क्षेत्र में हो रहा है. कभी परीक्षाएं आयोजित होने का निर्देश आता है, कभी कैंसिल होने का. जो परीक्षाएं संपन्न होकर अगली क्लास भी शुरू हो जानी चाहिए थी उसके पिछले सेमेस्टर का रिजल्ट ही अभी नहीं आया है. ऐसे माहौल के बीच स्टूडेंट्स का एक बड़ा समूह है, जो आए दिन आने वाली इन नयी-नयी खबरों से अब परेशान हो चुका है. दरअसल स्ट्रेस का यह माहौल सबके लिए एक सा है पर स्ट्रेस को हैंडल करने की सबकी काबलियत अलग-अलग होती है. कुछ उसी बात पर ज्यादा परेशान हो जाते हैं, कुछ उसे भूल जाते हैं. स्ट्रेस के इस माहौल से बचने के लिए क्या संभावित उपाय किये जा सकते हैं, आज हम इसकी चर्चा करेंगे.


स्थिति को कर लें स्वीकार –


एक पुरानी कहावत है कि जब किसी स्थिति को बदलना आपके वश में न हो तो आपको खुद को ही उस स्थिति के अनुसार बदल लेना चाहिए. कोरोना और उसकी वजह से एजुकेशन के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के साथ भी कुछ ऐसा ही है. हम कितना भी नाराज हो लें या अपना तनाव बढ़ा लें पर सच तो यह है कि न कोरोना को रोकना हमारे हाथ में है न ही कोरोना के कारण शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को हम रोक सकते हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि फिलहाल जो स्थिति है उसे स्वीकार कर लें. इससे आपका स्ट्रेस काफी हद तक नियंत्रण में आएगा. हर छोटी-बड़ी बात पर रिएक्ट न करें, इससे कोई लाभ नहीं होने वाला.


काउंसलर्स की लें मदद –


अगर आपको कोई समस्या ज्यादा सता रही है और बहुत कोशिशों के बाद भी आप उसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो इस कार्य के विशेषज्ञ यानी काउंसलर्स की सहायता लें. उन्हें अपनी समस्या बताएं और उनसे संभावित उपाय जानकर खुद को सैटेल करने की कोशिश करें. एक बात का ध्यान रखें कि काउंसलर्स केवल आपको रास्ता दिखा सकते हैं, मार्गदर्शन कर सकते हैं पर इन रास्तों पर चलना आपको ही है. हालांकि उनकी डील करने की तकनीक निराली होती है, उन्हें पता होता है कि आपको किस प्रकार के आंसर से संतुष्टि मिलेगी, वे वैसा ही तरीका आपके साथ अपनाते हैं. बहुत से कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अपने यहां काउंसलर्स अप्वॉइंट करते हैं. उनसे समय लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मिलें या ऑनलाइन कंसल्टेशन करें, आपको जरूर लाभ मिलेगा.


ब्लेसिंग इन डिसगाइज़ –


इस कोरोना काल को समस्या की तरह नहीं बल्कि संभावना की तरह देखें. आप इसे ईश्वर का दिया मौका समझें जिसमें आप वो सारे काम कर सकते हैं जो पहले समय की कमी के कारण नहीं कर पा रहे थे. खुद की लगभग हर स्किल को निखारने का यह बेस्ट तरीका है. पढ़ाई में कोई विषय था जो अक्सर छूट जाता था, या कोई हिस्सा जिसमें बहुत प्रैक्टिस चाहिए पर उतना समय आपको नहीं मिल पाता था, लिखित अभ्यास के लिए समय नहीं मिलता था या ऐसा ही कुछ भी तो उसे पूरा करने का यह बेस्ट समय है. इतना समय आपको आज तक नहीं मिला होगा जिसमें आप अपने सभी पेंडिंग काम निपटा सकते हैं. इसलिए कोरोना को समस्या नहीं समाधान के रूप में लें और अगर इस साल आप स्वस्थ रहते हैं तो ईश्वर का शुक्रिया अदा करें. यह साल केवल इसी जरूरी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने का है.


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