How to become a career counsellor: बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद जब करियर चुनने की बात आती है तो छात्र अक्सर कंफ्यूज दिखते हैं. कई बार वे समझ नहीं पाते कि कौन सी फील्ड उनके लिए ठीक रहेगी. अगर कोई अलग तरह की फील्ड चुनना चाहते हैं और आप में कुछ खास गुण हैं तो काउंसलर बन सकते हैं. काउंसलर का एटिट्यूड प्रॉब्लम सॉल्विंग वाला होता है और वो लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं और उनके साथ करुणा से पेश आते हैं. अगर आपके अंदर ये क्वालिटीज हैं जिसमें पेशेंस भी मुख्य है तो आप इस क्षेत्र में एंट्री कर सकते हैं. जानते हैं इस फील्ड के डिटेल.
इस तरह का काम होता है इनका
काउंसलर कई क्षेत्र में काम करते हैं. जैसे आप हेल्थ केयर सेक्टर में काम कर सकते हैं, फैमिली या रिलेशनशिप काउंसलिंग कर सकते हैं, एजुकेशनल काउंसलर बन सकते हैं या मेंटल हेल्थ वेलनेस के लिए भी काम कर सकते हैं. ये स्पेशलाइजेशन आप कोर्स के आखिर में चुन सकते हैं.
कैसा होता है काम का तरीका
काउंसलर्स को ऐसे ट्रेनिंग दी जाती है कि वे धैर्य और शांति के साथ सामने वाले की पूरी बात सुनते हैं. उनकी मेंटल हेल्थ और वेलनेस को सुधारने के लिए काम करते हैं. कई बार वो लोगों को उनके गोल डिफाइन करने में मदद करते हैं, एक्शन प्लान कराते हैं और कई बार उन्हें जिन रास्तों में चलने में मुश्किल महसूस हो रही होती है उसकी उलझने सुलझाते हैं. कुल मिलाकर सामने वाले की समस्या किसी भी स्तर की हो किसी भी क्षेत्र की हो ये उसकी मदद करते हैं.
कैसे बनें काउंसलर
काउंसलर बनने के लिए किसी खास स्ट्रीम की जरूरत नहीं है. ज्यादातर कोर्स करने के लिए कैंडिडेट को 10 + 2 पैटर्न से बारहवीं पास करनी होती है और 12वीं में उनके कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए. इसके बाद वे बैचलर कोर्स चुन सकते हैं जैसे बीए इन साइकोलॉजी या बीएससी इन साइकोलॉजी. इनमें प्रवेश के लिए एंट्रेंस होता है जिसे पास करने के बाद ही एडमिशन मिलता है.
पोस्ट बैचलर
बैचलर के बाद आप चाहें तो फील्ड में जाकर काम शुरू कर सकते हैं या किसी सीनियर काउंसलर के अंडर भी काम सीख सकते हैं. या यहां से मास्टर्स कोर्स भी के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं. जो काउंसलिंग में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं, वे मास्टर्स प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं. इसके अंतर्गत एम इन काउंसलिंग साइकोलॉजी/साइकोलॉजी/एप्लाइड साइकोलॉजी वगैरह में दो साल का कोर्स किया जा सकता है. इसके साथ ही कई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी किए जा सकते हैं.
क्या हैं ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स और सैलरी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में इस फील्ड के एक्सपर्ट की डिमांड बहुत बढ़ने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिया में 1.4 मिलियन काउंसलर्स की जरूरत आने वाले सालों में पड़ने वाली है. कुछ समय में स्कूलों में काउंसलर अनिवार्य हो जाएंगे. यहां तक कि कोई भी बड़ी कंपनी, स्कूल, कॉलेज संस्थान हो वहां काउंसलर्स की नियुक्ति जरूर होगी.
सैलरी अनुभव के साथ बढ़ती जाती है. शुरुआती दौर में कैंडिडेट साल के 3 से 5 लाख तक कमा सकता है जो बाद में बढ़कर 8 से 10 लाख तक हो सकती है. आप किसी के अंडर काम कर रहे हैं, इंडीविजुअल काम कर रहे हैं या कहीं नौकरी कर रहे हैं, ये बहुत से फैक्टर्स पर डिपेंड करता है.
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