How To Become A Good Team Leader: एक टीम से अच्छे से काम करवाना, सबको खुश रखना, पॉलिटिक्स से बचना और संस्थान के हित में रिजल्ट्स देना, एक बॉस के ऊपर कई तरह कि जिम्मेदारियां होती हैं. एक तरफ अपने सीनियर्स का प्रेशर तो दूसरी तरफ टीम को संचालित करना आसान नहीं होता. ऐसे में अगर एक बॉस की जगह टीम लीडर बनकर रहेंगे तो काम करना काफी आसान हो जाएगा और अच्छे रिजल्ट्स भी आएंगे. जानते हैं कि एक बॉस में और टीम लीडर में क्या फर्क होता है और एक टीम की लीड करते समय किन चीजों से बचना चाहिए.
बहुत ज्यादा सख्ती से न पेश आएं
किसी टीम से काम कराने के लिए उन्हें मोटिवेट करना ज्यादा बेहतर तरीका है बजाय उन पर नियमों की और डेड लाइन की पाबंदिया लगा देने के. ऐसे में लोग प्रेशर में आ जाते हैं और उनकी काम करने की क्षमता और कम हो जाती है. इसलिए माहौल हेल्दी बनाएं, जहां लोग आपसे अपनी बात शेयर कर सकें. जबरदस्ती सम्मान की इच्छा न करें बल्कि ऐसे बनें कि लोग खुद-ब-खुद आपको सम्मान दें.
हर टीम मेंबर में होती है कुछ खासियत
एक अच्छा टीम लीडर वो होता है जो अपने हर टीम मेम्बर की काम करने की क्वालिटी और उसके कंपीटेंस को समझता है. किसे कैसे डील करना है ये एक टीम लीडर को पता होता है. किससे कौन सा काम अच्छे से करवाया जा सकता है ये भी लीडर जानता है. उसी हिसाब से वे काम एसाइन करते हैं. इससे सभी की क्षमता के मुताबिक उनसे बेस्ट परफॉर्मेंस पाया जा सकता है. जिनमें कमी है वो भी बताएं पर शालीनता से और जो अच्छा कर रहे हैं उन्हें मोटिवेट भी करें.
शासन न हो पर अनुशासन हो
इतने स्ट्रिक्ट न बनें कि लोग आपको देखते ही मुंह छुपाने लगें और इधर-उधर हो जाएं या आपके न आने पर खुशियां मनाएं, लेकिन ऐसा माहौल भी न हो कि लोग अराजक हो जाएं. सख्ती न हो पर अनुशासन हो. काम समय पर पूरे हों, लोग नियमों को तोड़ें न इन बातों का ध्यान रखें. जो चीजें आप अपने टीम मेम्बर्स से बिलकुल उम्मीद नहीं करते उनके बारे में साफ तौर पर बता दें. जब आप उनकी बात सुनेंगें उनकी समस्याएं सुलझाएंगे तो आपकी बात भी कोई कभी नहीं टालेगा. ये टू वे रिलेशन होता है जहां एक-दूसरे को समझने से ही बात बनती है.
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