IAS Preparation: नौकरी के साथ आईएएस की तैयारी, कैसे उठायें दोहरी जिम्मेदारी
आईएएस जैसी परीक्षा की तैयारी में दिन रात एक कर देने के बावजूद लोग सफल नहीं होते. ऐसे में वे कैंडिडेट्स क्या करें जिन्हें नौकरी और परीक्षा की तैयारी दोनों साथ-साथ करनी है. आइये जानते हैं कैसे कुछ बातों का ख्याल रखकर इस बैलेंस को बैठाने की कोशिश की जा सकती है
How To Prepare For IAS Exam Alongwith Job:आईएएस परीक्षा का स्तर इतना कठिन और कोर्स इतना विस्तृत होता है कि दिन रात बस तैयारी करने वालों के लिये भी सफलता हासिल करना टेढ़ी खीर है. ऐसे में कुछ प्रतिशत ऐसे कैंडिडेट्स का भी होता है जो नौकरी और परीक्षा की तैयारी दोनों साथ-साथ करते हैं. कई बार यह उनकी च्वॉइस होती है कई बार मजबूरी. पर सवाल यह उठता है कि नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स समय का प्रबंधन किस प्रकार करें. जिस परीक्षा के लिये दिन-रात एक कर देना भी काफी नहीं होता, उसके लिये कम समय में सफल कैसे हों. आज जानते हैं ऐसी ही कुछ जरूरी बातें, जिनका ध्यान रखकर कम समय का भी अधिकतम उपयोग किया जा सकता है.
टाइम-टेबल बनाकर समय बांट लें –
ऐसे कैंडिडेट्स के लिये सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है समय का सही प्रबंधन. यूं तो समय हर किसी के लिये महत्व रखता है पर नौकरी के साथ तैयारी करने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट्स के लिये एक-एक मिनट का सदुपयोग अत्यंत आवश्यक होता है. अपने पूरे दिन के समय को कार्य के अनुसार बांट लें और किसी भी हालत में अपने शेड्यूल से पीछे न हटें. कुछ सालों के लिये दोस्त, रिश्तेदार, पार्टी, शादी सब भूल जायें. नौकरी के बाद बचने वाला पूरा समय आपको सिर्फ और सिर्फ तैयारी में लगाना है. अर्जुन की तरह अपनी निगाह केवल लक्ष्य पर रखें फिर चाहे जितनी कठिनाइयां आयें कोई भी आपको राह से भटका न पाये.
पढ़ाई का टाइम टेबल भी सेट करें –
किस विषय के किस सेक्शन को कितना समय देना है, कब खत्म करना है सबकुछ एक टाइम टेबल के अंतर्गत तय कर लें. बड़े टॉपिक्स को छोटे टॉपिक्स में बांटकर पढ़ें ताकि उन्हें समय से खत्म कर पायेंगे और इससे आपका हौसला बढ़ेगा. आपको अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बहुत सावधानी से बनाना होगा, आपके लिये हर सेकेंड महत्वपूर्ण है. किसी अनुभवी शिक्षक की या जो ये परीक्षा पास कर चुके हैं, उनकी सहायता लें. वे आपको डूज़ और डोंट्स के विषय में अच्छे से गाइड कर पायेंगे. लेकिन याद रहे कि सबकी क्षमताएं और सबका जीवन फर्क होता है. ऐसे में मार्गदर्शन तो लें पर अपने लिये शेड्यूल अपनी परिस्थितियों को देखते हुये आप खुद तय करें.
स्मार्टली कार्य करें –
कम समय में ज्यादा करने के लिये आपको स्मार्ट वर्किंग अपनानी होगी. जैसे आईएएस का कोर्स बहुत ज्यादा है. आप उसका ठीक से एनालिसेस करें और पिछले दिनों के प्रश्न-पत्रों के अनुसार देखें कि कौन से विषय अधिक जरूरी लग रहे हैं. इन विषयों की तैयारी के लिये आपको कितना समय लगेगा. अगर कोई विषय ऐसा हो जिसके लिये आप जानते हैं कि बहुत मेहनत और समय के बाद भी आपके बस का नहीं है तो उसे छोड़ दें और ऐसे टॉपिक्स पर आ जायें जिन्हें आप समझ सकते हैं. हालांकि आईएएस जैसी परीक्षा में सेलेक्टिव स्टडी का विकल्प खास होता नहीं है पर फुल टाइम स्टडी वाले भी कुछ विषय छोड़ते ही हैं तो आप भी मुमकिन न होने पर ऐसा कर सकते हैं.
ऑफिस से घर की दूरी न हो बहुत –
अगर संभव हो तो ऑफिस से बहुत दूर घर न हो यह देख लें. दरअसल रास्ते में समय कम से कम बर्बाद हो यह मुख्य मुद्दा है. जहां तक सफर में पढ़ाई की बात है तो मजबूरी की बात अलग है वरना यह एक अच्छा विकल्प नहीं है. बस या ट्रेन में सफर करते समय किताब इतनी हिलती है कि आंखों पर बहुत स्ट्रेन पड़ता है. ऐसे में आप ज्यादा थका महसूस करते हैं. कोशिश करें की इस समय का सदुपयोग ऑडियो क्लिप्स सुनने में करें. न्यूज़, करेंट अफेयर्स जो भी संभव हो उन्हें अपने फोन के माध्यम से सुनें.
बीच के ब्रेक को भी करें यूटिलाइज़ –
नौकरी के समय हर कोई पूरे के पूरे आठ घंटे काम नहीं करता. लंच के अलावा भी थोड़ा ब्रेक तो हर कोई लेता है. ऐसे में इस समय का सदुपयोग अखबार या मैगजीन पढ़ने में करें, जिससे करेंट अफेयर्स वाला पार्ट यहीं कवर हो जाये. दरअसल यह पढ़ने के लिये न तो एकांत चाहिये न ही हाई लेवल का कांस्ट्रेशन. इसलिये दिन में बीच-बीच में मिलने वाले समय को इस प्रकार उपयोग करते हुये चलिये.
रखें पॉजिटिव सोच –
इस तरह की जीवन-शैली जीना हर किसी के बस की बात नहीं होती. कई बार कोफ्त होने लगती है कि आखिर ये क्या रोबोट जैसी लाइफ हो गयी है. ऐसे में अपना हौसला बनाये रखना मुश्किल हो जाता है. इन घड़ियों में खुद को यह समझाएं की यह जीवन आपका खुद का चुना है और यह तपस्या मंजिल तक पहुंचने के लिये है. हर कोई ऐसे नहीं रहता तो हर कोई वह पाता भी नहीं जो आपका सपना है. अपने उत्साह को कभी कम न होने दें. इसे बोझ की तरह न लेते हुये चुनौती के रूप में स्वीकर करें. कठिन घड़ियों में खुद को समझाएं की आपके कंधों पर देश को चलाने कि जिम्मेदारी आने वाली है, जिसके लिये इतना प्रयास तो बनता है. हमेशा याद रखें कि बिना सकारात्मक सोच के सफलता कभी नहीं मिलेगी.
यह सच है कि आईएएस बनने का सपना देखने वालों के लिये जिंदगी आसान नहीं होती पर यह भी सच है कि अपनी प्लेट पर अपनी पसंद का खाना डालने की कीमत होती है और खाने के चुनाव के अनुसार कीमत चुकानी पड़ती है.
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