HPBOSE 12th Result 2021: पोस्टमास्टर के बेटे ने HP बोर्ड की 12वीं कक्षा में किया टॉप, मिले 100 फीसदी मार्क्स
हिमाचल प्रदेश बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा में कुल्लू के पुष्पेंद्र ठाकुर ने 100 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं. पुष्पेंद्र की इस सफलता पर परिवार और स्कूल प्रबंधन खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBoSE) ने 14 जुलाई 2021 बुधवार को कक्षा 12 का परिणाम घोषित कर दिया. इस साल पोस्टमास्टर के बेटे और कुल्लू के रहने वाले पुष्पेंद्र ठाकुर ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत 12वीं कक्षा में टॉप किया है. पुष्पेंद्र ने न केवल अपने बैच में टॉप किया है बल्कि एचपी बोर्ड के इतिहास में अब तक का हाईएस्ट स्कोर भी हासिल किया है. पुष्पेंद्र को पूरे मार्क्स यानी 500 में से 500 अंक मिले हैं.
टॉपर पुष्पेंद्र ने JEE मेन 2021 में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे
12वीं टॉपर पुष्पेंद्र इससे पहले भी कई उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. उन्होंने इससे पहले इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE मेन 2021 में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करके हाईएस्ट स्कोर में से एक प्राप्त किया था. पुष्पेंद्र अब आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम JEE एडवांस की तैयारी कर रहे हैं. पुष्पेंद्र का लक्ष्य एक साइंटिस्ट बनना है.
मेरिट लिस्ट में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत की
मूल रूप से बंजार क्षेत्र के रहने वाले पुष्पेंद्र बेहतर शैक्षिक अवसरों की तलाश में ढाई साल पहले कुल्लू आए थे. यहां उन्होंने कुल्लू के एम्बिशन स्कूल में दाखिला लिया. पुष्पेंद्र बताते है कि 10वीं कक्षा में, वह केवल 6 अंक या एक प्रतिशत से मेरिट रैंक से चूक गए थे और बोर्ड में 14वीं रैंक प्राप्त की थी. तभी से उन्होंने कड़ी मेहनत करने और मेरिट लिस्ट में रहने का फैसला किया था. 12वीं टॉप रैंक मिलने पर पुष्पेंद्र खुद हैरान हैं.
परिवार के सपोर्ट की वजह से हुआ मुमकिन
पुष्पेंद्र अपने परिवार को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि ये सब उन्हीं की सपोर्ट की वजह से मुमकिन हो पाया है. वे आगे बताते हैं कि उनके दादा एक शिक्षक थे और वह हमेशा चाहते थे कि बच्चे कड़ी मेहनत करें और "अधिकारी" बनें. पुष्पेंद्र बताते हैं कि उनके पूरे परिवार में एक एकेडमिक एंबियंस है. उनके पिता पोस्टमास्टर हैं और उनकी मां एक शिक्षक हैं और उनके बड़े भाई पहले से ही एनआईटी हमीरपुर से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं
स्पोर्ट्स और प्रतियोगिताओं से भी ध्यान केंद्रित करने में मिली मदद
अपनी इस उपलब्धि पर पुष्पेंद्र कहते है कि ये सब सिर्फ एकेडमिक्स की वजह से नहीं हुआ है. वे क्विज में भाग लेते रहते थे. इनके अलावा स्पोर्ट्स, स्कूल प्रतियोगिताओं आदि सहित रेग्यूलर को-करिकुल एक्टिविटिज ने उन्हें बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद की. टॉपर पुष्पेंद्र आगे कहते हैं कि आपकी शारीरिक फिटनेस ही मेंटली फिटनेस का मार्ग है.
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