हैदराबाद में साइंस में पोस्टग्रेजुएट डिग्री होल्डर एक महिला स्वीपर के रूप में काम कर रही थी, लेकिन उसकी एजुकेशन को देखते हुए तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के.टी. रामा राव ने सोमवार को उन्हें ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) में आउटसोर्सिंग के आधार पर सहायक कीटविज्ञानी की नौकरी ऑफर की.


ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है अंबी रजनी


स्वीपर के तौर पर काम कर रही पोस्ट ग्रेजुएट महिला का नाम अंबी रजनी है. अंबी की कहानी इस बात का जीता-जागता सबूत है कि उच्च शिक्षा कुछ सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के लिए उच्च अफसरों का वीजा नहीं है. ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी की उम्मीदवार रजनी को जीएचएमसी में कॉन्ट्रैक्ट स्वीपर के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. दरअसल उनके पास बेहतर नौकरी पाने के लिए न तो शक्ति थी और न ही संसाधन.


एक प्रमुख तेलुगु दैनिक में महिला के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट को जब तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के.टी. रामा राव ने पढ़ा तो उन्होंने महिला को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे उसकी योग्यता के अनुरूप नौकरी ऑफर की.


महिला के क्रेडेंशियल वेरीफाई करने के बाद ऑफर की गई नौकरी


अर्बन डेवलपमेंट स्पेशल चीफ सेक्रेटरी, अरविंद कुमार, जो रजनी को मंत्री के पास ले गए थे उन्होंने महिला को ऑफर की गई नौकरी का खुलासा किया. उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया कि महिला के क्रेडेंशियल को वेरीफाई करने के बाद ही नौकरी के आदेश जारी किए गए थे.



दो बेटियों की मां रजनी उस समय भावुक हो गईं जब मंत्री ने उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और उन्हें कीटविज्ञान विभाग में सहायक कीटविज्ञानी के रूप में नौकरी ऑफर की.


रजनी ने फर्स्ट ग्रेड के साथ एमएससी पास की थी


वारंगल जिले की रहने वाली रजनी का जन्म खेतिहर मजदूरों के परिवार में हुआ था. वित्तीय समस्याओं के बावजूद, उसने माता-पिता के समर्थन से अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2013 में फर्स्ट ग्रेड के साथ एमएससी (ऑर्गेनिक केमिस्ट्री) पास की. उसने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन इस बीच उसने एक वकील से शादी कर ली और हैदराबाद शिफ्ट हो गई.


पति की बीमारी की वजह से करनी स्वीपर की नौकरी करने को हुई मजबूर


इस दौरान रजनी दो बच्चों की मां भी बन गई थी लेकिन नौकरी पाने के लिए उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होना नहीं छोड़ा. वहीं कार्डियक समस्या के कारण उनके पति के बिस्तर पर पड़े रहने से परिवार के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो गया. सास समेत पांच लोगों के परिवार को चलाने के लिए रजनी ने सब्जी बेचने शुरू कर दिया था. हालांकि इस काम से व पर्याप्त पैसा नहीं कमा पा रही थी, इसलिए उसने 10,000 रुपये के वेतन पर जीएचएमसी में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर स्वीपर की नौकरी कर ली.


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