भारत में यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. हर साल लाखों परीक्षार्थी परीक्षा में बैठते है लेकिन उनमें से गिनती के ही परीक्षार्थी इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. इस परीक्षा को पास करने वाले ही आगे चल कर आईएएस, आईपीएस अधिकारी बनते हैं. आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में जाने वाले बहुत कम परीक्षार्थी होते हैं.
यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास करके उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनते है और उन्हें 7वें वेतन आयोग के हिसाब से 56,100 रुपये प्रदान किया जाता है. इसके अलावा टीए और डीए जैसे कई अलाउंस भी उन्हें मिलते है. जिसे मिलाकर ऑफिसर्स को 1 लाख रुपये वेतन प्रदान किया जाता है. वही अगर कोई आईएएस अधिकारी कैबिनेट सचिव के पद पर पहुंचते है तो उनको 2,50,000 रुपये वेतन प्रति माह मिल जाता है. आपको बता दे की कैबिनेट सचिव के पद पर मौजूद अधिकारी को सबसे अधिक सैलरी प्रदान की जाती है.
एक आईएएस अधिकारी को वेतन के अलावा भी काफी सुविधाएं मिलती है लेकिन उनके लिए स्केल का निर्धारण किया जाता है जैसे की जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल समेत अलग-अलग वेतन के बैंड होते हैं. इसके आधार पर आईएएस अधिकारियों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जैसे कि बंगला, घरेलू काम के लिए कुक और अन्य स्टाफ. इसके अलावा अफसरों के लिए सरकारी यात्राएं फ्री होती हैं और बिजली बिल और फ्री टेलीफोन की भी सुविधा उन्हे प्रदान की जाती है. आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के जरिए उम्मीदवार ब्यूरोक्रेसी में कार्यरत होते है और ये विभिन्न मंत्रालयों, विभागों या जिलों के प्रशासनिक मामलों के अधिकारी बन जाते है. सबसे बड़ा पद इनमे कैबिनेट सेक्रेटरी का होता है.
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