Success Story Of IAS Topper Paritosh Pankaj: यूपीएससी में आने के लिए कई बार लोग अपना जमा हुआ करियर छोड़ देते हैं. उन लोगों में यूपीएससी परीक्षा पास करने का जुनून होता है. आज आपको बिहार के परितोष पंकज की कहानी बताएंगे, जिन्होंने यूपीएससी में आने के लिए अपनी प्राइवेट नौकरी छोड़ दी. शुरुआती प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन चौथे प्रयास में उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया. परितोष का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए आपके पास मेहनत के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता. जो लोग इस परीक्षा में शॉर्टकट अपनाना चाहते हैं वह अपना समय बर्बाद करते हैं. आइए परितोष की कहानी पर एक नजर डाल लेते हैं.


बीएससी के बाद ज्वॉइन की प्राइवेट नौकरी


परितोष पढ़ाई में शुरू से होशियार थे और इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने बीएससी नॉटिकल साइंस में दाखिला ले लिया. बीएससी के बाद उन्होंने एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया. करीब 5 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में शामिल होने का मन बनाया. फिर वे नौकरी छोड़कर तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. यहां आकर उन्होंने मेहनत से तैयारी करना शुरू कर दिया. तीन बार उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में असफलता मिली लेकिन वह निराश नहीं हुए. चौथे प्रयास में उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया.


यूपीएससी के लिए शॉर्टकट को सही नहीं मानते


परितोष पंकज का मानना है कि अगर आप इस परीक्षा में सफल होना चाहते हैं तो आपको लगातार मेहनत करनी होगी. आप यहां आकर शॉर्टकट अपनाकर सफल नहीं हो सकते. परितोष कहते हैं कि यूपीएससी की तैयारी करने के बाद आपका व्यक्तित्व काफी निखर जाता है. यहां आकर हर कोई सफल नहीं होता, लेकिन सही रणनीति बनाकर तैयारी करने वालों को सफलता जरूर मिलती है. कई बार आपको सफलता मिलने में वक्त लग सकता है लेकिन उससे निराश होने की जरूरत नहीं है.


यहां देखें परितोष पंकज का दिल्ली नॉलेज ट्रेैक को दिया गया इंटरव्यू


 


दूसरे कैंडिडेट्स को परितोष की सलाह


परितोष यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि आप इस परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पहले बेसिक की तैयारी करें. परितोष का मानना है कि आप अच्छी रणनीति बनाकर सही दिशा में प्रयास करें. वे कहते हैं कि शुरुआती प्रयास आपके लिए काफी ऊर्जा से भरे हुए होते हैं. इसलिए कोशिश करें कि शुरुआत में ही सब कुछ झोंककर परीक्षा दें. वे कहते हैं कि जब आपको असफलता मिलती है तो आप निराश हो जाते हैं लेकिन सफलता के लिए धैर्य रखना भी काफी जरूरी है. परितोष कहते हैं कि आपको उन लोगों के तानों को नजरअंदाज करना चाहिए जो आपके असफल होने पर देते हैं. कोई भी परीक्षा आपके व्यक्तित्व का निर्धारण नहीं कर सकती. आपका व्यक्तित्व किसी एक परीक्षा से कहीं ज्यादा होता है.


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