Success Story Of IAS Topper Ankush Kothari: यूपीएससी का सफर हर किसी के लिए अलग होता है. कोई कम सुविधाओं के साथ इस सफर को तय करता है, तो कई लोगों के पास पर्याप्त सुविधाएं होती हैं. आज आपको यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस बनने वाले अंकुश कोठारी की कहानी बताएंगे, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है. अंकुश का यूपीएससी का तक का सफर काफी संघर्ष भरा रहा. आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्हें 19 लाख रुपए सालाना पैकेज वाली नौकरी का ऑफर मिला लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. इसके पीछे वजह आईएएस बनने का सपना था. इंटर्नशिप के दौरान अंकुश कई अफसरों से मिले, जिनसे वे बेहद प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की ठान ली. तीसरे प्रयास में उनका सपना पूरा हो गया.


बेहद संघर्षों के बीच गुजरा बचपन


अंकुश की उम्र बेहद कम थी, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए. ऐसे में उनका पालन पोषण उनकी मां ने किया. बचपन में अंकुश को बहुत सुविधाएं नहीं मिलीं, लेकिन इसके बावजूद में पढ़ाई में काफी होशियार रहे. उन्होंने मन लगाकर इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की. इसके बाद आईआईटी में जाने का मन बनाया. आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे आईआईटी के लिए कहीं कोचिंग करने जाएं. ऐसे में उन्होंने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी के दम पर तैयारी की. जब उन्होंने आईआईटी का एंट्रेंस दिया तो वे पास हो गए और उन्होंने कानपुर आईआईटी में दाखिला ले लिया. यहां से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.


इंटर्नशिप के दौरान अफसरों से हुई मुलाकात


वैसे तो अंकुश ने ग्रेजुएशन की आखरी साल से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन अपनी इंटर्नशिप के दौरान वे कई अफसरों से मिले. इन अफसरों से मिलकर बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने आईएएस अफसर बनने की ठान ली. ग्रेजुएशन करने के बाद सालाना 19 लाख रुपए के पैकेज वाली नौकरी का ऑफर मिला. बचपन से उन्होंने आर्थिक तंगी देखी थी ऐसे में इतना अच्छा ऑफर छोड़ने का फैसला मुश्किल था, लेकिन यूपीएससी के लिए उन्होंने यह मुश्किल फैसला भी ले लिया. ऐसे समय में उनकी मां ने काफी साथ दिया. अंकुश को शुरुआती 2 प्रयासों में यूपीएससी में सफलता नहीं मिली, लेकिन तीसरे प्रयास में सफलता मिल गई. इस तरह उनका यूपीएससी का सफर पूरा हो गया.


यहां देखें अंकुश का दिल्ली नॉलेज ट्रेक को दिया गया इंटरव्यू


 


 दूसरे कैंडिडेट्स को अंकुश की सलाह


यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को अंकुश लगातार मेहनत करने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि जितनी कम सुविधाएं आपके पास होंगी, आप उतना बेहतर करने की कोशिश करेंगे. कभी भी अपने सपने के बीच में सुख सुविधाओं को ना आने दें. अंकुश ने यूपीएससी परीक्षा के लिए किसी भी कोचिंग की सहायता नहीं ली. उन्होंने इस परीक्षा को सेल्फ स्टडी के दम पर पास किया. वे कहते हैं कि जब भी आपको जरूरत पड़े तो सीनियर्स की मदद लें. इंटरनेट का सहारा लें और अपने सपने को पूरा करें. आखिर में अंकुश कहते हैं कि स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क और धैर्य यूपीएससी में सफलता के लिए काफी जरूरी होता है.


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