IAS Success Story: भाई के सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर आशुतोष ने शुरू की UPSC की तैयारी, लंबे संघर्ष के बाद ऐसे बने आईएएस
बचपन में आशुतोष ने काफी संघर्ष किया. उनकी शुरुआती पढ़ाई भी गांव के स्कूल में हुई और उनका ज्यादातर पढ़ाई का माध्यम हिंदी रहा. इसके बावजूद अपने मज़बूत हौसले की बदौलत वह आईएएस बने.
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Success Story Of IAS Topper Ashutosh Dwivedi: कई बार हम अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए कुछ ऐसे काम भी करते हैं जिनके बारे में हम पहले नहीं सोचते. आज आपको आईएएस अफसर आशुतोष द्विवेदी की कहानी बताएंगे, जिन्होंने बीटेक करने के बाद नौकरी ज्वाइन कर ली. इसी दौरान उनके भाई ने यूपीएससी की कई बार परीक्षा दी लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो पाया. भाई को निराश देखकर उन्होंने तय किया कि वे इस परीक्षा को पास कर उनका सपना जरूर पूरा करेंगे. उन्होंने तुरंत नौकरी छोड़ दी और तैयारी में जुट गए. हालांकि आशुतोष को यहां करीब 5 साल तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा.
गांव में हुई शुरुआती पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले आशुतोष द्विवेदी के माता-पिता का बाल विवाह हुआ था. उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी, ऐसे में आशुतोष की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई. हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले आशुतोष ने इंटरमीडिएट के बाद कानपुर का रुख किया और यहां से बीटेक की डिग्री हासिल की. घर को सपोर्ट करने के लिए उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर ली. उनके भाई कई प्रयासों के बावजूद यूपीएससी में सफल नहीं हो सके. ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी का रुख किया.
कैसा रहा यूपीएससी का सफर
आशुतोष में जब यूपीएससी की परीक्षा पहली बार दी तो वे असफल रहे. काफी कोशिशों के बावजूद दूसरे प्रयास में अभी उनको सफलता नहीं मिली. इससे निराश हुए बिना परिवार के सपोर्ट से वे उठ खड़े हुए और तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली लेकिन इंडियन पुलिस सर्विस मिली. आशुतोष ने यह नौकरी तो ज्वाइन कर ली लेकिन इसके साथ-साथ तैयारी करते रहे. आखिरकार साल 2017 में अपने चौथे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 70 प्राप्त कर ली. इस तरह उनके परिवार का उन्हें आईएएस बनते देखने का सपना पूरा हो गया.
यहां देखें आशुतोष का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य एस्पायरेंट्स को आशुतोष की सलाह
आशुतोष का मानना है कि यूपीएससी का सफर एक तपस्या की तरह होता है. यहां आपको लगातार कड़ी मेहनत करनी होती है. आपको हिम्मत हारे बिना असफलताओं का भी डटकर मुकाबला करना है और खुद को बेहतर करके सफलता भी प्राप्त करनी है. वे कहते हैं कि परिवार की सपोर्ट और खुद को मोटिवेट रखकर आप यहां तैयारी करेंगे तो सफलता जल्द मिल जाएगी.
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