(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: लीडर बनने के लिए डेंटिस्ट से आईएएस अफसर बनने का किया फैसला, फिर इस तरह नेहा जैन ने पूरा किया सपना
खास बात यह रही कि नेहा जैन ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान अपनी नौकरी नहीं छोड़ी. नौकरी के साथ उन्होंने हर दिन 4 से 5 घंटे तैयारी कर सफलता हासिल कर ली.
Success Story Of IAS Topper Dr. Neha Jain: सिविल सर्विस की नौकरी हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है. सिविल सर्विस के जरिए कम उम्र में ही लोगों को बड़ा मुकाम मिल जाता है. देश के लाखों युवा हर साल सिविल सेवा का सपना लेकर यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होते हैं. इनमें से कुछ लोगों को अपनी मंजिल मिल जाती है, तो कुछ लोग दोबारा प्रयास करके लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करते हैं. आज आपको डॉक्टर नेहा जैन की कहानी बताएंगे, जिन्होंने लीडर बनने के लिए डेंटिस्ट से आईएएस अफसर बनने का फैसला किया. नेहा को यूपीएससी में असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
दिल्ली से की डेंटिस्ट्री की पढ़ाई
डॉ. नेहा जैन मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई भी दिल्ली में ही हुई. इसके बाद नेहा ने दिल्ली के प्रतिष्ठित संस्थान से डेंटिस्ट्री की डिग्री हासिल की. डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने डेंटिस्ट कंसल्टेंट के तौर पर एक नौकरी ज्वाइन कर ली. वे अपने करियर में सफल हो रही थीं, इसके बावजूद उनका मन यूपीएससी की तरफ लगातार बढ़ रहा था. वे अपने करियर के साथ रिस्क नहीं लेना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
इतने घंटे पढ़ाई कर बनीं आईएएस
नेहा का मानना है कि आप हर दिन 4-5 घंटे पढ़ाई करके भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर सकते हैं. साथ ही वीकेंड पर आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करने की कोशिश करें. उनका मानना है कि टाइम मैनेजमेंट नौकरी के दौरान यूपीएससी की तैयारी में काफी अहम भूमिका निभाता है. नेहा कैसी हैं कि अगर आपको तैयारी के दौरान किसी तरह की समस्या आए तो आप कुछ वेबसाइट इंटरनेट पर जाकर चुन लें. इन्हीं वेबसाइट से आप अपनी परेशानी सॉल्व करें और सही तरीके से तैयारी करें.
यहां देखें डॉ. नेहा जैन का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को नेहा की सलाह
नेहा का मानना है कि आप नौकरी के साथ भी इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. हालांकि आप यह ठान लें कि हर हालत में आपको परीक्षा पास करनी ही है. यहां नेहा को कई बार असफलता मिली लेकिन उन्होंने घबराने के बजाय दूसरा प्रयास ज्यादा बेहतर तरीके से किया. वे मानती हैं कि यहां सही सोच के साथ तैयारी, बेहतर रणनीति, ज्यादा से ज्यादा रिवीजन, आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस और सबसे जरूरी टाइम मैनेजमेंट करके सफलता प्राप्त की जा सकती है.
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