Success Story Of IAS Topper Abhishek Kumar: झारखंड के अभिषेक कुमार उन छात्रों के लिये एक उदाहरण हैं जो मुश्किलों से घबरा जाते हैं. अभिषेक की यूपीएससी परीक्षा का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हर परेशानी का डट कर मुकाबला किया. अभिषेक ने कड़ी मेहनत और लगन से आईआईटी से लेकर आईएएस तक का मुश्किल सफर तय किया. अभिषेक ने तब तक प्रयास जारी रखा जब तक उन्होंने अपने पसंद की रैंक हासिल नहीं कर ली. चलिए जानते हैं उनके इस मुश्किल और चुनौतीपूर्ण सफर के बारे में..


कई प्रयासों के बाद भी नहीं हारी हिम्मत
अभिषेक ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में पहला अटेम्पट दिया, जिसमें उनका प्री भी क्लीयर नहीं हुआ. उस वक्त वह नौकरी कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने अगले साल प्रयास नहीं किया. फिर 2016 में उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया और तैयारी करकर फिर परीक्षा दी. साल 2017 में उनका सिलेक्शन हो गया. लेकिन उनकी रैंक 133 आई. जिसके चलते उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विस मिला. उन्होंने हालांकि इसके बाद भी प्रयास किया और साल 2018 में उनकी रैंक पिछले साल के मुकाबले और खराब हो गई. उन्होंने 243वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की. इस दौरान सबसे अच्छी बात ये रही कि अभिषेक लगातार तीन साल तक मेरिट सूची में जगह बनाने में सफल रहे. इस रैंक के आने से अभिषेक की सर्विस अपग्रेड नहीं हुई. उन्होंने साल 2019 में फिर से प्रयास किया और इस बार वह उन्होंने टॉपर्स की सूची में जगह बनाई. अभिषेक ने इतने सालों में कभी हार नहीं मानी, ना ही परीक्षा की तैयारी में कोई कसर छोड़ी.


ऐसे बनाएं अपनी स्ट्रेटजी 
अभिषेक का मानना है कि अपनी स्ट्रेटजी खुद बनानी चाहिए. कभी किसी और की स्ट्रेटजी को आंख बंद करके फॉलो नहीं करना चाहिए. सभी विषयों की एनसीईआरटी किताबें पढ़ें, साथ ही करेंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर पढ़ें. मॉक टेस्ट दें. गलतियों में सुधार करें. यूपीएससी का सिलेबस हमेशा ध्यान में रखें और उसके मुताबिक नोट्स बनाते चलें. नोट्स बनाने से रिवाइज करना आसान हो जाता है.


यहां देखें अभिषेक कुमार द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए गये इंटरव्यू का वीडियो 



अन्य कैंडिडेट्स को अभिषेक की सलाह
अभिषेक दूसरे कैंडिडेट्स को सलाह देते हैं कि अपनी क्षमताओं और जरूरत के अनुसार पढ़ाई करें. आंसर राइटिंग और रिवीजन पर ध्यान दें, क्योंकि ये काफी महत्वपूर्ण है. शुरुआत में केवल अच्छा आंसर लिखने पर ध्यान केंद्रित करें स्पीड की चिंता न करें. ऐस्से और एथिक्स के पेपर को बराबर महत्व दें. जमकर प्रैक्टिस करें. मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है, इसलिए खूब मेहनत करें.


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