Success Story Of IAS Topper Rushikesh Reddy: यूपीएससी के सफर में जो लोग असफलताओं का डटकर मुकाबला करते हैं, वह जरूर सफलता प्राप्त कर लेते हैं. आज आपको आईएएस बनने वाले रुशीकेश रेड्डी के सफर के बारे में बताएंगे, जिन्हें यहां तक पहुंचने में काफी लंबा वक्त लग गया और कई बार उन्हें असफलता मिली. हालांकि धैर्य के साथ वे कड़ी मेहनत करते रहे, जिसकी वजह से उन्होंने आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया. उनकी कहानी आज सबके लिए मिसाल बन चुकी है.
ऐसा रहा यूपीएससी का सफर
आंध्र प्रदेश के रहने वाले रुशीकेश बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे. यही कारण रहा कि उन्होंने आईआईटी का एंट्रेंस इंटरमीडिएट के बाद क्लियर कर लिया. आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया. शुरुआती दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली, जिससे निराश हुए बिना वे लगातार मेहनत करते रहे. तीसरे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास की लेकिन रैंक 374 रही, जिसके तहत उन्हें इंडियन रेलवे ट्रेफिक सर्विस मिली. चौथा प्रयास उन्होंने किया तब प्री परीक्षा में फेल हो गए. इसके बाद उन्होंने एक और प्रयास किया और पांचवें प्रयास में 95 रैंक प्राप्त कर ली.
सेल्फ स्टडी पर किया भरोसा
एक तरफ जहां अधिकतर लोग यूपीएससी के लिए कोचिंग को जरूरी मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ यह परीक्षा पास करने वाले तमाम लोग सेल्फ स्टडी पर फोकस करने की सलाह देते हैं. रुशीकेश रेड्डी का मानना है कि अगर आप कोचिंग नहीं कर सकते, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आप सेल्फ-स्टडी पर भरोसा करें और कड़ी मेहनत में जुट जाएं. सेल्फ स्टडी और बेहतर रिवीजन की बदौलत आप यहां सफल हो सकते हैं.
यहां देखें रुशीकेश का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य लोगों को रुशीकेश रेड्डी की सलाह
रुशीकेश मानते हैं कि यूपीएससी की तैयारी करते वक्त आपको फिजिकली और मेंटली खुद को मजबूत करना होगा. आपको इस सफर में हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा. वह कहते हैं कि यहां असफलता मिलने पर निराश नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी कमियों को ढूंढकर उन्हें सुधारना चाहिए. लगातार मेहनत करते रहने पर आप अपनी मंजिल जरूर हासिल कर सकते हैं.
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