Success Story Of IAS Topper Shikha Surendran: छोटी-छोटी गलतियां यूपीएससी में असफलता का कारण बन जाती हैं. जो लोग इन पर ध्यान देते हैं, वह सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो जाते हैं. आज आपको यूपीएससी परीक्षा में टॉप 20 में शुमार होने वाली शिखा सुरेंद्रन की कहानी बताएंगे. बेहतरीन तैयारी होने के बावजूद कुछ गलतियों की वजह से भी पहले प्रयास में फेल हो गईं. हालांकि अगले ही प्रयास में उन्होंने अपनी कमियों को सुधारा और सफलता प्राप्त करके अपना सपना पूरा कर लिया.
पिता का सपना था बेटी आईएएस बने
केरल की रहने वाली शिखा के पिता का सपना था कि वे यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनें. शुरुआत में शिखा को यूपीएससी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन धीरे-धीरे उनका लक्ष्य भी यूपीएससी परीक्षा बन गया. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने बीटेक की डिग्री हासिल की और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. कुछ महीनों तक उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की उसके बाद सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया.
सिलेबस समझने में लगे 4 महीने
सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन शिखा के मुताबिक उन्हें यूपीएससी का पूरा सिलेबस अच्छी तरह समझने में करीब 4 महीने का वक्त लग गया. लेकिन एक बार इसे समझने के बाद उन्होंने लिमिटेड रिसोर्सेस के साथ कड़ी मेहनत शुरू कर दी. वे हर दिन करीब 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थीं और प्रतिदिन आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस भी करती थीं. इस तरह उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की. हालांकि रिवीजन ना होने की वजह से उन्हें पहले प्रयास में असफलता मिली. अगले ही प्रयास में उन्होंने बेहतर किया और ऑल इंडिया रैंक 16 प्राप्त की.
यहां देखें शिखा का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को शिखा की सलाह
शिखा का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी में जब एक बार आप सिलेबस को अच्छी तरह कंप्लीट कर लें, तो उसके बाद रिवीजन करना स्टार्ट कर दें. रिवीजन करना बेहद जरूरी होता है. वे कहती हैं कि तैयारी पूरी होने के बाद ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट पेपर सॉल्व करें और अपनी तैयारी का एनालिसिस करें. अपनी कमियों को सुधारें और बेहतर तरीके से आंसर लिखने की प्रैक्टिस करें. अगर आप इस तरीके की रणनीति अपनाएंगे तो आप परीक्षा पास कर सकते हैं.
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