Success Story Of IAS Topper Himadri Kaushik: आज आपको यूपीएससी परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक 97 प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली हिमाद्री कौशिक की कहानी बताएंगे, जिन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली. इससे पहले भी वह यूपीएससी परीक्षा पास कर चुकी थीं, लेकिन उनकी रैंक 304 रही. इस रैंक के अनुसार उन्हें आईआरएस सेवा के लिए चयनित किया गया, लेकिन उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था और इसलिए उन्होंने लगातार प्रयास करने का फैसला किया. पहले प्रयास में हिमाद्री को असफलता मिली थी, जिससे वे निराश नहीं हुईं और अपनी गलतियों को सुधारकर तैयारी को बेहतर बनाया.


गोवा से की इंजीनियरिंग की पढ़ाई 


हिमाद्री शुरू से पढ़ाई में होशियार रहीं. उनके लगभग सभी परीक्षाओं में 90 फ़ीसदी से ज्यादा नंबर आए. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया. केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में आने का फैसला किया. साल 2015 में उन्होंने पहला प्रयास किया जिसमें वह प्री परीक्षा तो पास कर गईं लेकिन मेंस में अटक गईं. इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ गया और उन्होंने दूसरी बार बेहतर तरीके से प्रयास कर सफलता हासिल की. जब दूसरी बार अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं हुईं, तो तीसरी बार प्रयास किया और अपना सपना पूरा कर लिया.


इंटरव्यू के लिए टिप्स 


हिमाद्री का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा में जब आप प्री और मेंस पास कर लें, तब इंटरव्यू की तैयारी शुरू कर दें. इंटरव्यू के दौरान अक्सर लोग भाषा को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. कोई मानता है कि अंग्रेजी में इंटरव्यू देने पर ज्यादा नंबर हासिल किए जा सकते हैं तो कोई हिंदी पर भरोसा जताता है. हालांकि उनके मुताबिक आप किसी भी भाषा में इंटरव्यू देकर सफलता हासिल कर सकते हैं. वहां आपकी भाषा का ज्ञान नहीं बल्कि आपकी पर्सनालिटी का ओवर ऑल देखा जाता है.


यहां देखें हिमाद्री का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू


 


दूसरे कैंडिडेट्स को हिमाद्री की सलाह


हिमाद्री का मानना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए आप को सही दिशा में लगातार मेहनत करनी पड़ेगी. आप अपने सिलेबस को कंप्लीट करने के बाद मॉक टेस्ट जरूर दें. इसके बाद अपनी गलतियों को देखें और उनको सुधारें. अगर आप सही रणनीति के साथ इस परीक्षा की तैयारी करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी. वे कहती हैं कि अगर आपको असफलता मिले तो उससे घबराने की जरूरत नहीं है. आप अपनी गलतियों से सीखें और आगे बेहतर करने की कोशिश करें.


IAS Success Story: इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी में आने का फैसला किया, प्रेरणा ने सटीक रणनीति की बदौलत हासिल की सफलता


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