IAS Success Story: यूपीएससी में कई बार हुए फेल, लेकिन नहीं छोड़ी उम्मीद और Krishan Kumar Singh बने आईएएस अफसर
Krishan Kumar Singh Success Story: जब कई बार उन्हें असफलता मिली तो उन्होंने आरबीआई (RBI) की नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन एक बार फिर वह मैदान में उतरे और सफलता हासिल कर ली.
Success Story Of IAS Topper Krishan Kumar Singh: अगर आप असफलताओं से घबराए बिना अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करेंगे, तो आपको सफलता जरूर मिल जाएगी. आज आपको यूपीएससी (UPSC CSE 2020) में ऑल इंडिया रैंक 24 हासिल कर आईएएस अफसर बनने वाले कृष्ण कुमार सिंह (Krishan Kumar Singh) की कहानी बताएंगे. असफलताओं से निराश होकर उन्होंने एक बार के लिए अपनी राह बदल ली और बैंक की नौकरी ज्वाइन कर ली. लेकिन उनके अंदर आईएएस बनने की इच्छा अधूरी रह गई थी, जिसकी वजह से वह एक बार फिर मैदान में उतरे और सफलता हासिल कर ली. चौथे प्रयास में उन्हें आईपीएस सेवा मिली पर पांचवें प्रयास में उन्हें मन मुताबिक आईएएस सेवा मिल गई.
ऐसा रहा शुरुआती सफर
कृष्ण कुमार सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं, लेकिन उनका ज्यादातर समय दिल्ली-एनसीआर में बीता. गाजियाबाद के एक स्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने बीटेक में दाखिला ले लिया और दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी है. जब कई बार उन्हें असफलता मिली तो वे निराश हो गए और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का टेस्ट पास करके मैनेजर बन गए. बैंक की नौकरी हासिल करने के बाद भी उनकी आईएएस बनने की इच्छा प्रबल रही. फिर क्या था वे दोबारा मैदान में उतरे और लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की.
तैयारी के लिए इन बातों को मानते हैं जरूरी
कृष्ण कुमार ने सिलेबस के अनुसार अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बनाया और स्टडी मटेरियल तैयार किया. इसके बाद वे कड़ी मेहनत में जुट गए. उनका मानना है कि तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस काफी मायने रखती है. अगर आप कड़ी मेहनत कर सकारात्मक रवैया के साथ यूपीएससी के सफर में आगे बढ़ेंगे तो जरूर सफलता हासिल कर सकते हैं. वे कहते हैं कि जब आप तैयारी के लिए मैदान में उतर जाएं, तो चुनौतियों से नहीं घबराना चाहिए.
यहां देखें कृष्ण कुमार सिंह का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को कृष्ण कुमार की सलाह
कृष्ण कुमार सिंह का मानना है कि सिविल सेवा का सपना पूरा करने के लिए कैंडिडेट्स को असफलताओं से नहीं घबराना चाहिए और लगातार लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहना चाहिए. उन्हें तीन बार असफलता मिली और कई बार नकारात्मक ख्याल उनके दिमाग में आए. लेकिन उन्होंने खुद को स्थिर रखा और लक्ष्य पर फोकस किया. अपनी मंजिल को पाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और पांचवें प्रयास में सफलता हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.
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