IAS Success Story: लगातार तीन बार असफल हुए, लेकिन हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में कार्तिक बन गए IAS ऑफिसर
कठिन परिश्रम करने के बाद भी आपको सफलता मिलने में देर लग सकती है, लेकिन खुद को निराश न होने दें. आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस सफलता दिलाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
Success Story Of IAS Topper MV Satya Sai Karthik: कई बार लोग जब अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए खूब मेहनत करते हैं, लेकिन जब प्रयास असफल हो जाता है, तो वे निराश हो जाते हैं. अगर दूसरी बार किसी को असफलता हाथ लगती है, तो निराशा और बढ़ जाती है. हालांकि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो असफलताओं से घबराते नहीं हैं और अपना लक्ष्य हासिल करके ही मानते हैं. ऐसी ही कहानी हैदराबाद के सत्य साईं कार्तिक की है, जो यूपीएससी की परीक्षा में लगातार तीन बार असफल हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में परीक्षा पास कर सपना पूरा कर लिया. उनकी सफलता की कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा है, जो असफलताओं से निराश हो रहे हैं.
क्रिकेट के शौकीन थे कार्तिक
बचपन से कार्तिक पढ़ाई के साथ क्रिकेट के शौकीन थे. कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल तक क्रिकेट में अपने कॉलेज को रिप्रजेंट किया. वे अपने राज्य की अंडर-19 टीम में भी क्रिकेट खेल चुके हैं. इंजीनियरिंग करने के बाद कार्तिक ने यूपीएससी क्लियर करने की ठानी और काफी मेहनत की. हालांकि उन्हें तीन बार असफलता हाथ लगी, लेकिन चौथी बार वे इसमें सफल हो गए.
तीन बार प्री एग्जाम भी पास नहीं कर पाए थे
यूपीएससी का प्री एग्जाम वे चौथे प्रयास में पास कर सके. शुरुआती तीन प्रयासों में वे प्री एग्जाम क्लियर नहीं कर सके, लेकिन वे आईएएस बनने की ठान चुके थे. इसलिए चौथी बार पूरी ताकत झोंक दी. कार्तिक ने चार अटेम्पट्स दिए और चौथे अटेम्पट में उनका सेलेक्शन हो गया. कार्तिक तेलंगाना के हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने 12वीं पास करने के बाद कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरी की. यहीं से उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया.
कैसे शुरू की थी तैयारी?
एक इंटरव्यू में कार्तिक ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें देखीं. इन किताबों को पढ़कर उन्होंने अपना बेस मजबूत किया. इसके बाद उन्होंने अपना ऑप्शनल सोशियोलॉजी तय किया, जो इस परीक्षा में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है. कार्तिक ने तैयारी के लिए कोचिंग भी की. दिल्ली में कोचिंग करने के दौरान जब एक स्टेज पर आकर उन्हें लगा कि उनकी तैयारी एक लेवल पर पहुंच गई है तो उन्होंने आंसर राइटिंग प्रैक्टिस शुरू कर दी. उनके मुताबिक इस परीक्षा में सफलता के लिए आंसर राइटिंग काफी जरूरी है.
देखें सत्य साईं कार्तिक द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
दूसरे छात्रों के लिए कार्तिक की सलाह
पढ़ाई से इतर कार्तिक कैंडिडेट्स को अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की सलाह देते हैं. कार्तिक के मुताबित जब तक आप फिजिकली और मेंटली मजबूत नहीं होगे, तब तक अपना बेस्ट नहीं दे पाएंगे. इसलिए समय निकालें और दिन में कम से कम आधा घंटा वर्कआउट जरूर करें. कार्तिक दिन में 15 से 20 मिनट मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइजेस को भी देते थे. परीक्षा के दिन या परीक्षा के पहले बिलकुल भी स्ट्रेस न लें वरना आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है. अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस को फाइंडआउट करें और उन पर काम करें. खुद से ईमानदार रहें और तैयारी में किसी प्रकार की कमी न रखें. सफलता मिलने में देरी लग सकती है, लेकिन कठिन परिश्रम से आपको सफलता जरूर मिलेगी.
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