IAS Success Story: जब दो बार सफलता के करीब पहुंचकर मिली असफलता, तो चिराग ने अपनी कमियों को सुधारा, फिर ऐसे पास की यूपीएससी की परीक्षा
यूपीएससी में छोटी-छोटी गलतियां असफलता का कारण बन जाती हैं. ऐसे में कैंडिडेट्स को अपनी गलतियों की पहचान कर उन्हें सुधारना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है.
Success Story Of IAS Topper Chirag Jain: यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको हर चीज को मैनेज करने की जरूरत होती है. आप सटीक रणनीति और बेहतर तैयारी के साथ जब परीक्षा में बैठते हैं, तो आपको अच्छे नंबर मिलते हैं. अपने हर प्रयास में अभ्यर्थियों को पहले से ज्यादा बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए. अपने दो प्रयासों में असफल होने के बाद राजस्थान के रहने वाले चिराग जैन ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया और सफलता प्राप्त कर अपना सपना पूरा किया. चिराग की कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो असफलताओं से निराश हो जाते हैं. खास बात यह रही कि चिराग इंजीनियरिंग से यूपीएससी के फील्ड में आए थे.
ग्रेजुएशन के बाद शुरू की तैयारी
चिराग का जन्म राजस्थान के डीग जिले में हुआ था. इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग के फील्ड में जाने का फैसला किया. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन इंजीनियरिंग में की. ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया. इसके लिए उन्होंने पूरी जानकारी हासिल की और तैयारी शुरू कर दी. चिराग के लिए इंजीनियरिंग से यूपीएससी में आने का फैसला करना काफी आसान नहीं था, लेकिन उनका इस क्षेत्र में आकर कुछ अलग करने का सपना था. इस सपने को उन्होंने पूरा करके भी दिखाया.
ऐसा रहा यूपीएससी का सफर
चिराग ने शुरू से ही अपनी रणनीति बनाई थी और उसी के हिसाब से तैयारी करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए. पहले प्रयास में वह प्री परीक्षा पास कर गए और मेंस में अटक गए. इससे निराश न होकर उन्होंने दूसरे प्रयास में बेहतर करने की कोशिश. हालांकि इस बार भी वह फाइनल राउंड तक नहीं पहुंचे. तीसरी बार परीक्षा देने से पहले उन्होंने अपनी तैयारी का एक बार एनालिसिस किया. इस दौरान उन्हें जो कमियां नजर आयीं, उन पर अच्छी तरह काम किया. आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने 160वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली.
यहां देखें चिराग का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
दूसरे कैंडिडेट्स को चिराग की सलाह
यूपीएससी की तैयारी करने वाले लोगों को चिराग कम किताबों के साथ ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि अगर आपको सफलता प्राप्त करनी है तो आपके पास चुनिंदा किताबें होनी चाहिए. इसके अलावा आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस भी बेहद जरूरी है. कई बार आप परीक्षा के दौरान समय का ध्यान नहीं रख पाते जो असफलता का कारण बनता है. ऐसे में मॉक टेस्ट के जरिए समय का मैनेजमेंट करना सीखें. आखिर में चिराग कहते हैं कि सफलता प्राप्त करने में कई बार वक्त लग जाता है, लेकिन आपको उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. खुद को मोटिवेट रखकर तैयारी करेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा.
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