IAS Success Story: तीन बार मिली असफलता, लेकिन धैर्य और मेहनत से आईएएस अफसर बनीं पूज्य प्रियदर्शनी
जीवन में सफलता पाने के लिए धैर्य बहुत जरूरी है. असफलताओं से निराश होने के बजाय सीख लेनी चाहिए, जिससे भविष्य में बेहतर किया जा सके. प्रियदर्शनी ने ऐसे ही सफलता हासिल की.
Success Story Of IAS Pujya Priyadarshini: कई बार आप जब पूरी मेहनत से किसी परीक्षा की तैयारी करते हैं और उसका परिणाम आपके मन मुताबिक नहीं होता तो आप निराश हो जाते हैं. हालांकि ऐसी परिस्थिति में आपको निराश होने के बजाय और ज्यादा मेहनत करके दोबारा प्रयास करना चाहिए. आज आपको यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली पूज्य प्रियदर्शनी के सफर के बारे में बता रहे हैं, जो काफी प्रेरणादायक है. प्रियदर्शनी को यूपीएससी में कई बार असफलता मिली लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने सपने को साकार करके दिखाया.
दिल्ली और न्यूयॉर्क से की पढ़ाई
पूज्य प्रियदर्शनी पढ़ाई में बचपन से काफी होशियार थीं. इंटरमीडिएट के बाद उन्हें दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला मिल गया, जहां से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं और न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने आईएएस बनने की ठान ली. वे भारत वापस आयीं और तैयारी शुरू कर दी.
तैयारी के लिए लिया लंबा गैप
पहली बार उन्होंने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया. फिर उन्होंने 3 साल का लंबा गैप तैयारी के लिए लिया और 2016 में दूसरा प्रयास किया. इस प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचीं लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद वे थोड़ी निराश हो गईं और इसका परिणाम यह हुआ के तीसरे प्रयास में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं. हालांकि अपनी गलतियों से सीखते हुए उन्होंने चौथा प्रयास किया और सफलता हासिल कर ली. उनका यूपीएससी तक का सफर काफी लंबा रहा. इस दौरान कई बार मुश्किलें सामने आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
माता-पिता का मिला सपोर्ट
पूज्य प्रियदर्शनी के माता और पिता दोनों सिविल सेवा में कार्यरत हैं. यही वजह है कि उनका रुझान इस क्षेत्र की तरफ बचपन से ही रहा. वे भले ही विदेश में पढ़ने गईं लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा ही रहा. जब शुरुआत में उन्हें असफलता मिली तो उनके माता-पिता ने काफी सपोर्ट किया. उनके पेरेंट्स ने उन्हें हिम्मत दी और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. इसका परिणाम यह हुआ कि चौथे प्रयास में प्रियदर्शनी ने यूपीएससी में 11वीं रैंक हासिल की.
यहां देखें प्रियदर्शनी का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
दूसरे कैंडिडेट्स को उनकी सलाह
पूज्य कहती है कि सिविल सर्विस परीक्षा को पास करने के लिए आपको खुद पर भरोसा रखना चाहिए. इस परीक्षा को पास करने के लिए कई बार लंबा वक्त लगता है लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है. गलतियों से सीखकर अगली बार और बेहतर करने का प्रयास करें. सही किताबें चुनें, सही रणनीति बनाएं और ईमानदारी से मेहनत करें. असफलताओं से घबराए नहीं और उनसे सीख लें. ज्यादा से ज्यादा सिलेबस की प्रैक्टिस करें और लिखकर तैयारी करें. आखिरकार मेहनत रंग लाती है और देर से ही सही लेकिन आपको सफलता जरूर मिलेगी.
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